चीन के प्रति अमेरिका और जापान की परमाणु नीतियों सहित कई मुद्दों पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

2024-04-11 19:01:06

अमेरिका और जापान के नेताओं ने 10 अप्रैल को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दोनों देश यथार्थवादी और व्यावहारिक तरीके से परमाणु हथियारों के बिना एक दुनिया हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बयान में चीन की परमाणु नीति पर भी चिंता व्यक्त की गई।

इसकी चर्चा करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 11 अप्रैल को देश की राजधानी पेइचिंग में आयोजित एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन की परमाणु नीति के बारे में अमेरिका और जापान द्वारा व्यक्त की गई तथाकथित चिंताएँ पूरी तरह से गलत आख्यान हैं, जो तथ्यों से परे हैं और इसके पीछे छिपे उद्देश्य हैं। चीन इसका दृढ़ता से विरोध करता है और इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।

वहीं, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुअलडेज़ मार्कोस ने हाल ही में कहा कि वह इस बात से हैरान थे कि डुटर्टे सरकार और चीन रनआईच्याओ मुद्दे पर "जेंटलमैन के समझौते" पर पहुंच गए थे। वह इस तथाकथित समझौते पर स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। मार्कोस ने चीन के साथ सभी स्तरों पर संचार बनाए रखने और स्थिति को तनावमुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने की इच्छा भी व्यक्त की।

इसकी चर्चा करते हुए प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि रनआईच्याओ चीन के नानशा द्वीप समूह का हिस्सा है। रनआईच्याओ सहित नानशा द्वीप समूह के निकटवर्ती जल क्षेत्र में चीन की निर्विवाद संप्रभुता है। यदि फिलीपींस वास्तव में बातचीत और संचार के माध्यम से रनआईच्याओ में स्थिति को तनावमुक्त करना चाहता है, तो उसे अपने वादे पूरे करने होंगे, सर्वसम्मति का पालन करना होगा और उकसावे को रोकना होगा।

उधर, फ़िलिस्तीन ने औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए साल 2011 के अपने आवेदन पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। इसकी चर्चा करते हुए चीनी प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनने का समर्थन करता है और सुरक्षा परिषद द्वारा यथाशीघ्र कार्रवाई करने का भी समर्थन करता है।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, चीन और जॉर्जिया ने 10 अप्रैल को सामान्य पासपोर्ट धारकों के लिए पारस्परिक वीज़ा छूट पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। प्रवक्ता माओ निंग ने 11 अप्रैल को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह समझौता उनकी संबंधित घरेलू कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लागू होगा और समय पर सार्वजनिक किया जाएगा। विश्वास है कि है यह द्विपक्षीय कर्मियों के आदान-प्रदान को और सुविधाजनक बनाएगा और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देगा।

(श्याओ थांग)

 

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