रचनात्मक संवाद और सहयोग से मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण करें- चीनी प्रतिनिधि

2024-03-22 17:11:28

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कार्यालय और स्विट्जरलैंड में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में चीन के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत छन श्य्वी ने रचनात्मक संवाद और सहयोग के माध्यम से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया है।

20 मार्च को, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र के दौरान, छन श्य्वी ने संवाद और सहयोग के माध्यम से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने पर मित्र समूह की ओर से दिए गए एक संयुक्त बयान में मानवाधिकार मुद्दों के राजनीतिकरण और साधनीकरण की निंदा की।

संयुक्त बयान में बताया गया कि मानवाधिकार परिषद में राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण का माहौल बिगड़ रहा है, जो इसके मूल इरादे के विपरीत है और सार्वभौमिकता, निष्पक्षता, गैर-राजनीतिकरण और गैर-चयनात्मकता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

बयान में कहा गया है कि संबंधित देशों की इच्छा के विरुद्ध देश विशिष्ट तंत्र की स्थापना और समानांतर तंत्र के प्रसार से ठोस परिणाम निकले बिना वित्तीय और मानव संसाधनों की भारी बर्बादी होती है और इसलिए ये मानवाधिकारों को बढ़ावा देने या उनकी रक्षा करने के लिए अनुकूल नहीं हैं।

संयुक्त बयान में मानवाधिकार परिषद के काम के संबंध में तीन प्रस्ताव भी दोहराए गए:

पहला, निष्पक्षता और न्याय को बनाए रखना, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करना, मानवाधिकारों को बहाने के रूप में उपयोग करके सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध करना और एकतरफा जबरदस्ती उपायों को तत्काल बंद करने का आह्वान करना।

दूसरा, खुलेपन और समावेशिता को बनाए रखना, समान और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक आधार पर संवाद और सहयोग को सुविधाजनक बनाने में रचनात्मक भूमिका निभाना, संवाद और आदान-प्रदान के माध्यम से आम सहमति का विस्तार करना और शांति, सुरक्षा, सामान्य विकास, संवाद और सहयोग के माध्यम से मानवाधिकारों की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना।

तीसरा, वस्तुनिष्ठता और निष्पक्षता को बनाए रखना, सटीक और वस्तुनिष्ठ जानकारी पर अपना काम करना, सभी देशों की संप्रभुता और राजनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान करना, प्रत्येक देश द्वारा उनकी घरेलू स्थिति के आधार पर चुने गए मानवाधिकार विकास पथों का सम्मान करना, और संबंधित देशों की ज़रूरतों और इच्छाओं के अनुसार तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान करना।

संयुक्त बयान को विकासशील देशों द्वारा व्यापक रूप से समर्थन और सराहना मिली।

(श्याओ थांग)

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