जल ही जीवन हैः पानी बचाएं और जल संसाधनों की रक्षा करें

2024-03-19 14:59:01

लोगों के दैनिक जीवन, वाणिज्यिक इस्तेमाल और खेती के लिए पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से जल संसाधनों की बढ़ती मांग के कारण होने वाले वैश्विक जल संकट के समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है। 18 जनवरी 1993 को 47वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर वर्ष 22 मार्च को "विश्व जल दिवस" के रूप में नामित करने का संकल्प लिया।

जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरणीय तत्व है, जिस पर हम सभी का जीवन निर्भर है और सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अपरिहार्य और अपूरणीय है। हालांकि पृथ्वी का जल भण्डार विशाल है, लेकिन इसमें समुद्री जल का हिस्सा 97.2 फीसदी है, और स्थलीय मीठे पानी का हिस्सा केवल 2.8 प्रतिशत है। इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि ताजे पानी की यह अत्यंत सीमित मात्रा तेजी से प्रदूषित होती जा रही है।

आधुनिक समाज में जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिक और कृषि उत्पादन गतिविधियों और शहरीकरण के तेज विकास ने सीमित जल संसाधनों और जल पर्यावरण पर भारी प्रभाव डाला है। विश्व स्तर पर, जल प्रदूषण, पानी की मांग में तेजी से वृद्धि और विभागों के बीच प्रतिस्पर्धी विकास से अतार्किक इस्तेमाल के कारण जल संसाधनों की और कमी हो गई है। जल पर्यावरण खराब होता जा रहा है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। जो सीधे-सीधे हमारे जीवन पर असर डाल रहा है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक  दुनिया के आधे से अधिक देशों और क्षेत्रों में पेयजल संकट पैदा हो गया है। विशेष रूप से तीसरी दुनिया के देशों में, जल संसाधनों की रक्षा करना और उनका अधिक प्रभावी ढंग से और तर्कसंगत रूप से इस्तेमाल करना दुनिया भर की सरकारों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में वक्त की मांग कहती है कि हमें जल संकट के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए, पानी का संरक्षण करना चाहिए, पानी बचाना चाहिए और जल संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए।

विश्व जल दिवस दुनिया भर के जल संसाधनों को बचाने के बारे में है। 22 मार्च, 2024 को 32वां "विश्व जल दिवस" है, जिसका विषय "शांति के लिए जल" है।

(वनिता)

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