चीन में अमेरिकी राजदूत का कथन सैन फ्रांसिस्को बैठक की भावना के विरुद्ध है

2024-03-18 18:31:14

रिपोर्ट के अनुसार, 15 मार्च को चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने एक अमेरिकी थिंक टैंक की ऑनलाइन संगोष्ठी में भाग लिया और कहा कि अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच सैन फ्रांसिस्को बैठक में अपेक्षाकृत अधिक स्थिर अमेरिका-चीन संबंध बने। हालांकि यह प्रमुख मुद्दों पर अधिकांश मतभेदों को हल करने में विफल रहा, इसने अमेरिका और चीन को एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी के रूप में निष्कर्ष निकाला।

बर्न्स के विचार में अमेरिका और चीन के बीच संबंध अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं, और दोनों पक्ष अगले दशक में प्रणालीगत प्रतिद्वंद्वी बन सकते हैं। इसलिए, मतभेदों को जिम्मेदारी से प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।

बर्न्स के चीन संबंधी नकारात्मक कथन के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने 18 मार्च को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संबंधित कथन चीन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों के बीच सैन फ्रांसिस्को बैठक में बनी महत्वपूर्ण सहमति से भटक गया है, और सैन फ्रांसिस्को बैठक की भावना के खिलाफ़ है। यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिकूल है, बल्कि चीन और अमेरिका के साथ व्यवहार के सही रास्ते के उलट भी है।

लिन च्येन ने कहा कि चीन को आशा है कि अमेरिका चीन के साथ एक ही दिशा की ओर आगे बढ़ेगा, सैन फ्रांसिस्को में दोनों राष्ट्रपतियों की बैठक में बनी महत्वपूर्ण सहमति और दृष्टिकोण को लागू करेगा, चीन-अमेरिका संबंधों के स्थिर, स्वस्थ और सतत विकास को बढ़ावा देगा।

(श्याओ थांग) 

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