भूमि बंदरगाह के माध्यम से नेपाल से आयातित चाय का पहली बार तिब्बत में प्रवेश
हाल ही में, ल्हासा कस्टम्स से मिली खबर के अनुसार, सीमावर्ती व्यापार चैनल के माध्यम से जिलोंग बंदरगाह पर नेपाली चाय की एक खेप सफलतापूर्वक आयातित की गई। यह पहली बार है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने भूमि बंदरगाह के माध्यम से नेपाली चाय का आयात किया।
बताया गया है कि इस बार नेपाली चाय का सुचारु ढंग से आयात सुनिश्चित करने के लिए ल्हासा कस्टम्स के अधीनस्थ जिलोंग कस्टम्स ने सक्रिय सहायता की। व्यापारियों के लिए नीतिगत प्रचार और व्यवसायिक प्रशिक्षण किया गया, चीन को निर्यात की जाने वाली आयातित चाय के लिए संगरोध आवश्यकताओं और आयात प्रक्रियाओं की व्याख्या की गई। काफी हद तक कुशल निरीक्षण और लोगों की सुविधा के एकीकरण से सीमावर्ती व्यापारियों को बहुत अच्छा लगा।
जिलोंग कस्बे में निवासी मिमा त्सेरिंग ने कहा कि वह लंबे समय से उच्च गुणवत्ता और कम कीमत वाली नेपाली चाय का आयात करने की उम्मीद कर रहा है, और कस्टम कर्मियों की सेवा और सहायता का आभारी है। उनकी मदद से सीमावर्ती व्यापारियों को आयातित माल व्यापार नीति के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त हुई और उनका राजस्व बढ़ाने वाले चैनल व्यापक हो गये। देश में सीमावर्ती बाज़ार की व्यापार नीति के माध्यम से उन्होंने घर पर रोजगार हासिल किया। स्थानीय लोगों का जीवन दिन-ब-दिन बेहतर हो रहा है।
वहीं, जिलोंग कस्टम्स के प्रमुख के अनुसार, आने वाले दिनों में विदेशी व्यापार सेवाओं को और अधिक कुशलता से संचालित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण उपायों को अनुकूलित किया जाएगा कि चीनी और नेपाली सीमाओं पर लोगों को लाभ मिलता रहे। इससे अंततः देश के विदेशी व्यापार उद्योग को बढ़ने में सहायता मिलेगी। साथ ही, इससे सरकार को उच्च गुणवत्ता वाले विकास की "तेज़ लेन" में प्रवेश करने में मदद मिलेगी।
(श्याओ थांग)