अमेरिकी रणनीतिक बिसात में मोहरा बन दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय शांति को क्षति पहुंचा रहा फिलीपींस
5 मार्च को फिलीपींस ने एक बार फिर चीन के नानशा द्वीप समूह में रनआईच्याओ से सटे पानी में उल्लंघन कार्रवाई और अवैध रूप से "समुद्र तट पर बैठे" युद्धपोतों के लिए निर्माण सामग्री का परिवहन किया। सार्वजनिक रूप से जारी किए गए वीडियो में, यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि फिलीपीनी तटरक्षक पोत न.4407 ने चीन की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया, और चीनी तटरक्षक पोत न.21555 के पास पहुंचा और उसे हल्की सी खरोंच लग गई। चीन तटरक्षक बल ने कानून के अनुसार आवश्यक नियंत्रण कदम उठाये और पेशेवर, संयमित, उचित और कानूनी तरीके से काम किया।
तथ्य स्पष्ट हैं: दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय शांति को कौन भड़का रहा है और खतरे में डाल रहा है। यह संघर्ष फिलीपींस की दक्षिण चीन सागर योजना का नवीनतम कदम है। उन्होंने तीन तरीकों का इस्तेमाल किया है:
पहला, एक झूठी कहानी को गढ़ा। हाल ही में, फिलीपींस ने उत्तेजक कार्रवाई करते हुए चीन के रनआईच्याओ और हुआंगयान द्वीप पर आक्रमण करने के लिए जहाज और युद्धपोत भेजे हैं। लोगों को भ्रमित करने के लिए, फिलीपींस ने चीन के उचित अधिकार संरक्षण कार्यों को "हिंसक निष्कासन" और "फिलीपीनी मछुआरों के संचालन के उत्पीड़न" में विकृत कर दिया, "बड़े के साथ छोटे को धमकाने" का झूठ गढ़ा, और पीड़ित होने का नाटक किया। उदाहरण के लिए, 5 मार्च को हुए संघर्ष के बाद फिलीपींस ने चीनी तट रक्षक पर "उकसावे" का झूठा आरोप लगाया। चीन द्वारा जारी किया गया लाइव वीडियो सच्चाई को सामने लाता है।
दूसरा, तथाकथित विधेयक चीन के साथ बातचीत में बढ़त बढ़ाने के प्रयास में लागू किया गया था। इस साल फरवरी में, फिलीपीन सीनेट ने तथाकथित "समुद्री क्षेत्र अधिनियम" पारित किया, जिसने अवैध रूप से चीन के हुआंगयान द्वीप और नानशा द्वीप समूह के अधिकांश द्वीपों और चट्टानों और संबंधित जल को फिलीपीन समुद्री क्षेत्राधिकार में ला दिया और घरेलू कानून के साथ "दक्षिण चीन सागर पंचाट" के अवैध निर्णय को कानूनी बनाने की पूरी कोशिश की।।
फिलीपींस का मुख्य कारण यह है कि हुआंगयान द्वीप फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित है। हालांकि, समुद्र कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुसार, तटीय राज्य 200 समुद्री मील का एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित कर सकते हैं, लेकिन वे अन्य देशों की प्रादेशिक संप्रभुता को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। फिलीपींस का इस आधार पर संप्रभुता का दावा कि हुआंगयान द्वीप उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित है, अंतरराष्ट्रीय कानून की गलत व्याख्या है।
ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, हुआंगयान द्वीप चीन का प्रादेशिक भूमि क्षेत्र है, जो युआन राजवंश के बाद से चीन के अधिकार क्षेत्र में रहा है। इस द्वीप पर चीन ने हमेशा शांतिपूर्वक और प्रभावी ढंग से संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया है। फिलीपींस का प्रादेशिक दायरा “पेरिस संधि” और “वाशिंगटन संधि” जैसी अंतरराष्ट्रीय संधियों की एक श्रृंखला द्वारा निर्धारित किया गया है, और यह चीन के हुआंगयान द्वीप और नानशा द्वीप समूह में किसी भी द्वीप और चट्टान को कवर नहीं करता है। 1997 तक, फिलीपींस ने कभी भी हुआंगयान द्वीप पर प्रादेशक भूमि का दावा नहीं किया था।
फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में तेल और गैस संसाधन प्राप्त करने के लिए चीन के नानशा द्वीप समूह के द्वीपों और चट्टानों को जब्त करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, यह अवैध निर्णय समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन जैसे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है।
तीसरा, साहस बढ़ाने के लिए गठबंधन बनाया। नई फिलीपीन सरकार के सत्ता में आने के बाद, इसने राजनयिक और सुरक्षा क्षेत्रों में अमेरिका के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की। अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि वे अमेरिकी-फिलीपींस पारस्परिक रक्षा संधि के अनुसार फिलीपींस की सुरक्षा की रक्षा करेंगे। घरेलू राजनीतिक विचारों के मद्देनज़र, फिलीपीन्स के नेताओं ने एकतरफा तौर पर अमेरिका का अनुसरण करने और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने का फैसला किया।
हाल ही में, फिलीपींस के राष्ट्रपति ने आसियान-ऑस्ट्रेलिया विशेष शिखर सम्मेलन में भाषण दिया। एक ओर, उन्होंने फिलीपींस की "छोटे देश की स्थिति" पर जोर दिया और दूसरी ओर, उन्होंने "चीन के खतरे" को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। फिलीपींस ने यहां तक दावा किया कि वह चीन के खिलाफ एक नया अंतरराष्ट्रीय मुकदमा दायर करेगा। यदि कोई देश मनमाने ढंग से दूसरे देश की प्रादेशिक प्रभुसत्ता को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए प्रस्तुत करे तो दुनिया कैसी होगी?
वर्तमान में, चीन और आसियान देश "दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता" बनाने को बढ़ावा दे रहे हैं। शांति और सहयोग क्षेत्रीय देशों की आम आकांक्षा है। फिलीपींस को पड़ोसियों और अन्य पक्षों की बात सुननी चाहिए। जैसा कि मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर ने आसियान-ऑस्ट्रेलिया विशेष शिखर सम्मेलन में कहा, "हम स्वतंत्र देश हैं और किसी भी बड़े देश के सामने आत्मसमर्पण नहीं करते हैं... चीन को हमसे कोई समस्या नहीं है।"
फिलीपींस को यह एहसास होना चाहिए कि अमेरिका एक निस्वार्थ अंतर्राष्ट्रीयवाद देश नहीं है, और फिलीपींस अमेरिकी रणनीतिक शतरंज की बिसात में सिर्फ एक मोहरा है। इतिहास के सबक बताते हैं कि शतरंज के मोहरे अंततः खारिज कर दिये जायेंगे।