चीन-यूरोप रेलवे एक्सप्रेस, हांगकांग संबंधी मामले और यूएस राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

2024-02-29 19:10:13

नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चीन-यूरोप मालगाड़ियों की संचयी संख्या 85 हज़ार से अधिक हो गई है, जो प्रभावी रूप से मार्ग से जुड़े देशों के विकास को बढ़ावा देती है।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 29 फरवरी को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नए साल में चीन-यूरोप मालगाड़ियाँ पूरी क्षमता से चलती रहेंगी, जिससे यूरेशियन महाद्वीप के विकास में नई प्रेरित शक्ति का संचार होगा। पिछले एक दशक में चीन-यूरोप रेलवे एक्सप्रेस पर भरोसा करते हुए, मध्य एशिया और यूरोप के साथ चीन का सहयोग घनिष्ठ हो गया है, और इसकी अर्थव्यवस्था और व्यापार अधिक समृद्ध हो गया है।

उधर, ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि हांगकांग एसएआर सरकार द्वारा पेश किए गए मूल कानून के अनुच्छेद 23 के लिए विधायी प्रस्ताव "चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा-पत्र" में निर्धारित प्रासंगिक दायित्वों का उल्लंघन करता है और हांगकांग निवासियों के अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रयोग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हांगकांग में विदेशी संस्थानों को "विदेशी हस्तक्षेप" करार दिए जाने का जोखिम है।

इसका खंडन करते हुए प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि प्रासंगिक ब्रिटिश बयान ने चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप किया है, जिसका चीन ने दृढ़ता से विरोध किया है। ब्रिटेन को अपनी मानसिकता सुधारनी चाहिए, इस वास्तविकता का सामना करना चाहिए कि हांगकांग बहुत पहले ही चीन के पास लौट आया है, हांगकांग के मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए और साथ ही खुद पर विचार करना चाहिए और "दोहरे मानकों" में शामिल नहीं होना चाहिए।

वहीं, संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता माओ निंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा हस्ताक्षरित एक कार्यकारी आदेश के जवाब में कहा कि अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को सामान्यीकृत किया है, चीन पर दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों में शामिल होने के लिए अमेरिकी नागरिकों के संवेदनशील डेटा को खरीदने का झूठा आरोप लगाया है। अमेरिका ने चीन सहित तथाकथित "चिंता के देशों" में डेटा प्रवाह पर रोक लगाया, यह एक भेदभावपूर्ण प्रथा है जो स्पष्ट रूप से एक विशिष्ट देश को लक्षित कर रही है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है।

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विदेशी संस्थाओं को अमेरिकी नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंचने से रोकने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, मुख्य रूप से इस चिंता के कारण कि डेटा का उपयोग वाणिज्यिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, खासकर चीन और रूस द्वारा।

(श्याओ थांग)

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