चीन की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सर्वेक्षण

2024-02-25 19:27:32

चीन की आर्थिक प्रगति दुनिया को प्रभावित कर रही है, खासकर C919 एयरलाइनर जैसे नवाचारों के माध्यम से। सीजीटीएन और चीन के रनमिन विश्वविद्यालय के एक वैश्विक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 87.1 प्रतिशत उत्तरदाता वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार के माध्यम से आर्थिक गुणवत्ता में सुधार पर चीन के फोकस की सराहना करते हैं। उनका मानना है कि इससे चीनी आधुनिकीकरण में तेजी आती है।

पिछले 40 वर्षों में तीव्र आर्थिक विकास उत्पादक शक्तियों के उन्नयन के कारण हुआ, 93.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने चीन की वैज्ञानिक और तकनीकी ताकत की प्रशंसा की। बुनियादी अनुसंधान के लिए वित्तपोषण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो साल 2012 में 49.9 अरब युआन से बढ़कर साल 2022 में 202.35 अरब युआन हो गई, जिससे क्वांटम सूचना और सिंथेटिक जीवविज्ञान जैसे क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं।

चीनी आधुनिकीकरण हरित विकास का आधुनिकीकरण है, और हरित चीन की अर्थव्यवस्था और उच्च गुणवत्ता वाले विकास का आधार है। सर्वेक्षण के अनुसार, 91.9 प्रतिशत उत्तरदाता प्रकृति का सम्मान करने, अनुकूलन करने और उसकी रक्षा करने के चीन के प्रयासों की सराहना करते हैं। लगभग 60 प्रतिशत लोग चीन के उच्च-गुणवत्ता वाले विकास के बारे में आशावादी हैं, और आर्थिक और सामाजिक प्रगति के साथ बेहतर प्राकृतिक वातावरण की उम्मीद करते हैं।

वहीं, सौर बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित हरित ऊर्जा और प्रौद्योगिकी, चीन के आर्थिक भविष्य को आकार दे रहे हैं, और साल 2023 में कुल निर्यात मूल्य 10.6 खरब युआन हुआ। अन्य 84.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि चीन वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार के साथ अपनी आर्थिक गुणवत्ता में सुधार करता है, जो चीनी आधुनिकीकरण की विकास प्रक्रिया को तेज करता है और अन्य देशों के लिए एक नया संदर्भ प्रदान करता है। उधर, 74 प्रतिशत लोग उम्मीद करते हैं कि चीन सामान्य विकास को साकार करने में मदद करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले आर्थिक विकास में अधिक अनुभव साझा करेगा।

बता दें कि यह सर्वेक्षण दुनिया भर में 11,180 उत्तरदाताओं के बीच आयोजित किया गया था, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, स्पेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों के साथ-साथ ब्राजील, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और दक्षिण अफ़्रीका जैसे विकासशील देशों के लोग भी शामिल थे।

(अखिल पाराशर)

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