लालटेन महोत्सव की धूम – 24 फरवरी को मनेगा त्यौहार

2024-02-22 16:30:07

चीनी चंद्र कैलेंडर का पहला चंद्र माह 10 फरवरी से शुरु हुआ है और उसी दिन को चीनी नव वर्ष के रुप और वसंत ऋतु के आगमन के रुप में भी मनाया गया। त्यौहारों के इसी क्रम में अब अगला त्योहार लालटेन महोत्सव के रुप में आ रहा है। हर वर्ष पहले चंद्र माह के पंद्रहवें दिन पारंपरिक चीनी लालटेन महोत्सव मनाया जाता है। ये त्योहार भी दुनिया भर में मशहूर है। इस वर्ष ये 15वां दिन 24 फरवरी को आ रहा है। 15वां दिन होने की वजह से इस रात को चंद्रमा अपने पूरे सुंदर और गोल रुप में आकाश में चमकता हुआ पूर्णिमा के रुप में दिखाई देगा। उल्लेखनीय है कि 9 फरवरी को आई अमावस्या के अगले दिन 10 फरवरी से से नववर्ष की शुरुआत हुई थी।

पिछले एक पखवाड़े से मनाया जा रहा नव वर्ष का हर्षोउल्लास इस दौरान भी देखने को मिलता है। इस त्योहार को लालटेन उत्सव इसलिए कहा जाता है क्योंकि घर-घर में कागज़ के लालटेन लगाए जाते हैं। नए साल की पहली पूर्णिमा की वजह से भी पूर्ण चंद्र के दर्शन के चलते ये उत्साह देखा जाता है। घरों में लालटेन लगाने के साथ ही इस दिन थांग युआन यानी मीठे चावल के लड्डू खाने की भी परंपरा है। चीनी भाषा में थांग का अर्थ होता है मीठा। इन्हें रसेदार चावल के गोले भी कहा जाता है और स्वाद में  ये बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। इस दौरान लालटेन से जुड़ी पहेलियों को सुलझाने की परंपरा का भी आनंद लिया जाता है। लालटेन उत्सव को चीनी भाषा में ‘युआन श्याओ र’ भी कहा जाता है। युआन यानी पहला और प्राचीन काल से श्याओ का अर्थ चंद्रमा से है औ र यानी त्यौहार है। इसे पहली पूर्णिमा के रुप में काफी महत्व के रुप में देखा जाता है। आसमान में चमकते और गोल चंद्रमा के साथ ही घर-घर में लालटेन दिखाई देना बहुत ही अनोखी छटा बिखेरते हुए दिखाई देती है। ये लालटेन भी कई रंगों की होती हैं औऱ कई बार इन लालटेनों पर पहेलियां भी लिखी जाती हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 चीनी लूंग वर्ष (ड्रैगन वर्ष) के रुप में मनाया जा रहा है जिसकी अवधि फरवरी माह से लेकर 12 महीनों तक रहेगी।

इस दौरान लालटेन महोत्सव में कई लोग चीन की पारंपरिक पोशाक हानफू भी पहनते हैं। चीनी भाषा में ईफू का अर्थ होता है पोशाक और हान का अर्थ होता है चीनी यानी चीनी पोशाक। इन दिनों चर रहे वसंत अवकाश के दौरान होने वाली यात्राओं के दिनों में भी लालटेन उत्सव आता है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 40 दिनों की यात्रा के अवधि की शुरुआत 26 जनवरी से हुई थी जब शहरों में कार्य कह रहे लाखों लोग अपने-अपने घरों की अपने स्वजनों से मिलने लौटते हैं और इस अवधि का 40वां दिन 5 मार्च को आ रहा है। हालांकि 10 फरवरी को शुरु हुए नववर्ष से दो सप्ताह के अवकाश के बाद सभी लोग अपने-अपने काम पर लौटने लगते हैं और लालटेन उत्सव के रुप में नववर्ष के पखवाड़े का आखिरी त्योहार मनाया जाता है।

इस लालटेन उत्सव के दौरान ड्रैगन नृत्य के अलावा भी कई तरह के पारंपरिक नाच भी देखने को मिलते हैं। जिसमें शेरनृत्य भी शामिल होता है। पूरे चीन के कई प्रमुख शहरों में अलग-अलग उल्लास देखने को मिलता है जैसे हांगचो और शंघाई शहरों में इलेक्ट्रिक और नियोन लालटेन ज्यादा देखने को मिलती है तो चीन के सछ्वान प्रांत के छंगतू शहर में  इस दौरान लालटेन मेला भी आयोजित किया जाता है। सातवीं शताब्दी के दौरान थांग राजवंश में इस त्योहार को तीन दिनों तक मनाया जाता था जबकि त्सौंग राजवंश में इसे पांच दिनों तक मनाया जाने लगा।

नव वर्ष की पहली पूर्णिमा वाले इस दिन से सौर चक्र का दूसरा चक्र  भी शुरू होता है। इस दौरान आसमान में आतिशबाजी भी देखने को मिलती है।

इस त्यौहार में करीब दो हजार वर्षों पुरानी परंपरा की झलक देखी जा सकती है।

 

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