दक्षिण चीन सागर में "छोटा घेरा" बनाने का फिलीपींस का प्रयास ज़रूर विफल होगा

2024-02-03 20:16:29

फिलीपींस के राष्ट्रपति   फर्डिनेंड रोमुअलडेज़ मार्कोस ने हाल ही में वियतनाम की यात्रा समाप्त की। यात्रा के दौरान उन्होंने फिलीपींस और चीन के बीच संप्रभुता विवाद को लेकर "असहज" होने का दावा किया। कुछ पश्चिमी मीडिया ने भी दक्षिण चीन सागर मुद्दे को उछालने और तथाकथित "चीनी खतरे" को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने में सहयोग किया।

सार्वजनिक रिपोर्टों के अनुसार, फिलीपींस और वियतनामी सरकारों ने दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, संचार हॉटलाइन और संयुक्त तट रक्षक समिति स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। संबंधित चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि फिलीपींस सुरक्षा मुद्दे का इस्तेमाल कर दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ़ "छोटे घेरे" को स्थापित करना और चीन पर दबाव बढ़ाना चाहता है।

पिछले साल से फिलीपींस दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। उसने हुआंगयान द्वीप और रनआई रीफ़ के पास चीन के जलक्षेत्र में बार-बार घुसपैठ की है, और रनआई रीफ़ पर अवैध रूप से "समुद्र तट पर बैठे" अपने युद्धपोत तक निर्माण सामग्री पहुंचाई, उसकी मंशा इस रीफ़ पर स्थाई कब्ज़ा प्राप्त करना है।

गत वर्ष, चीनी पक्ष के साथ फोन पर बातचीत के दौरान फिलीपींस के विदेश मंत्री ने चीन के साथ बातचीत को मज़बूत करने और तनाव कम करने को बढ़ावा देने की इच्छा व्यक्त की। लेकिन वास्तव में, फिलीपींस ने अपनी कार्रवाई नहीं बदली है। कुछ दिन पहले, फिलीपींस ने अवैध रूप से "समुद्र तट पर बैठे" अपने युद्धपोत के लिए हवाई आपूर्ति की और हुआंगयान द्वीप के रीफ़ में अवैध रूप से घुसने के लिए कर्मियों को भेजा।

नवंबर 2023 में, फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस ने दावा किया कि उन्होंने दक्षिण चीन सागर के लिए एक अलग आचार संहिता तैयार करने की उम्मीद में वियतनाम, मलेशिया और अन्य देशों से संपर्क किया है। विश्लेषकों का कहना है कि फिलीपींस अन्य देशों को अपने साथ विवश करके चीन पर दबाव डालने के लिए ऐसा कर रहा है, जिससे चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की उसकी क्षमता बढ़ जाएगी।

फिलीपींस का उद्देश्य स्पष्ट है और उसका दृष्टिकोण खतरनाक है। वह अपने और क्षेत्र के बाहर के देशों के लाभ के लिए चीन के खिलाफ़ एक "छोटा घेरा" बनाने की कोशिश कर रहा है, जो न केवल विवाद को जटिल और विस्तारित करता है, बल्कि "दक्षिण चीन सागर से संबंधित विभिन्न पक्षों का कार्यवाही घोषणा-पत्र" की भावना का भी उल्लंघन करता है, और साथ ही, क्षेत्रीय देशों के शुरुआती संयुक्त प्रयासों को कमजोर कर दिया है।

हुआंगयान द्वीप और रनआई रीफ़ चीन की प्रादेशिक भूमि है। पिछले कुछ वर्षों में, चीन ने फिलीपींस की ओर से बार-बार उकसावे के सामने बहुत संयम और धैर्य दिखाया है। अब, फिलीपींस ने बार-बार जोख़िम उठाया है और द्विपक्षीय मुद्दों का विस्तार करने का प्रयास किया है, जो केवल उसके दीर्घकालिक हितों को नुकसान पहुंचाएगा। फिलीपींस को अपनी विदेश नीति पर पुनःविचार करना चाहिए।

(श्याओ थांग)

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