थाईवान को हथियार बेचने वाली पांच अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा चीन

2024-01-09 14:27:18

चीनी विदेश मंत्रालय ने 7 जनवरी को घोषणा की कि वह चीन लोक गणराज्य के विदेशी प्रतिबंध विरोधी कानून के अनुसार 5 अमेरिकी सैन्य औद्योगिक कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा। हाल ही में अमेरिका ने थाईवान को हथियारों की बिक्री का एक नया दौर शुरू किया और चीनी कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विभिन्न बहानों का उपयोग किया है। यह कदम अमेरिका में कुछ लोगों के लिए एक कड़ी चेतावनी है जो थाईवान मुद्दे का इस्तेमाल करते हैं और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।

विशिष्ट सूची से देखते हुए, चीन द्वारा प्रतिबंधित पांच अमेरिकी सैन्य कंपनियां हैं: बेई लैंड एंड वेपन्स सिस्टम्स, यूनाइटेड टेक्नोलॉजीज सिस्टम्स ऑपरेशंस, एयरोवायरनमेंट, वायासैट और डेटा लिंक सॉल्यूशंस। उनमें एक बात समान है, यानी ये पांच सैन्य-औद्योगिक कंपनियां थाईवान को नवीनतम अमेरिकी हथियार बिक्री परियोजना में शामिल हैं।

उदाहरण के लिए, बेई कंपनी इस साल थाईवान को बख्तरबंद बचाव वाहन और नए उभयचर लड़ाकू वाहन देने की योजना बना रही है, और स्वचालित हॉवित्जर तोपों के निर्यात पर थाईवान सेना के साथ बातचीत कर रही है। एयरोवायरनमेंट कॉर्पोरेशन थाईवान को "स्विचब्लेड" क्रूज़ मिसाइलें प्रदान करने की योजना बना रहा है। डेटा लिंक सॉल्यूशंस के लिंक-16 सामरिक डेटा लिंक का उपयोग थाईवान सेना के कई लड़ाकू कमांड विभागों द्वारा किया जाता है। वाईसेट कंपनी ने थाईवान सेना को एक "बहुकार्यात्मक सूचना वितरण प्रणाली" बेची जो युद्ध के मैदान पर इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी प्रदान कर सकती है।

गत दिसंबर के मध्य में, अमेरिकी रक्षा विभाग ने घोषणा की कि उसने चीन के थाईवान को 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर के उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद से थाईवान को यह 12वीं अमेरिकी हथियार बिक्री है। अमेरिका का व्यवहार एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों, विशेष रूप से "17 अगस्त" विज्ञप्ति का उल्लंघन करता है। यह चीन और अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को शिखर बैठक में दी गयी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन करता है। यह एक बार फिर दर्शाता है कि अमेरिका के कुछ लोगों ने थाईवान मुद्दे पर अपने वादे तोड़ दिए हैं।

अमेरिकी रक्षा विभाग से संबद्ध एक एजेंसी ने दावा किया कि थाईवान को हथियार बिक्री का उद्देश्य थाईवान की सैन्य कमान, नियंत्रण, संचार और अन्य क्षमताओं को बढ़ाना और थाईवान की तथाकथित "रक्षा क्षमताओं" को मजबूत करना है।

पर्यवेक्षकों ने बताया कि पहले थाईवान को अमेरिका की हथियार बिक्री मुख्य रूप से विमान, मिसाइल, ड्रोन और अन्य मुख्य युद्ध हथियार थे। जबकि एक संपूर्ण प्रणाली बनाने के लिए लड़ाकू शक्ति का गठन संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, कमांड, नियंत्रण और नेटवर्क पर निर्भर करता है। इस बार अमेरिकी हथियारों की बिक्री का उद्देश्य थाईवान की सेना की सॉफ्टवेयर क्षमताओं में सुधार करना है।

चीन ने कई बार कहा है कि थाईवान मुद्दा चीन के मूल हितों का मूल है, चीन-अमेरिका संबंधों के राजनीतिक आधार की नींव है और चीन-अमेरिका संबंधों में पहली दुर्गम लाल रेखा है। थाईवान को अमेरिकी हथियारों की बिक्री के जवाब में चीन ने हाल के वर्षों में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग डिफेंस और रेथियॉन जैसी बड़ी अमेरिकी सैन्य-औद्योगिक कंपनियों पर बार-बार प्रतिबंध लगाए हैं। इस बार, चीन द्वारा घोषित प्रतिबंधों की सूची में शामिल हैं: चीन में संबंधित कंपनियों की चल, अचल संपत्ति और अन्य प्रकार की संपत्तियों को फ्रीज करना, और चीन में संगठनों और व्यक्तियों को उनके साथ लेनदेन, सहयोग और अन्य गतिविधियों का संचालन करने से रोकना।

इस प्रतिबंध सूची के माध्यम से, चीन ने अमेरिका के कुछ लोगों को राष्ट्रीय संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के लिए अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन किया है। अमेरिका को एक-चीन नीति का पालन करने और "थाईवान की स्वतंत्रता" का समर्थन न करने जैसी अपनी प्रतिबद्धताओं को लागू करना चाहिए। तथ्य साबित करेंगे कि अमेरिका थाईवान को चाहे कितने भी हथियार मुहैया कराए, वह चीन के एकीकरण की ऐतिहासिक प्रक्रिया को नहीं रोक पाएगा।

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