चीन के विरुद्ध अमेरिकी जनमत युद्ध की औद्योगिक श्रृंखला

2024-01-04 14:41:23

यूरोपीय विद्वान जान ओबर्ग ने कुछ दिन पहले एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि अमेरिका ने चीन के बारे में नकारात्मक रिपोर्ट तैयार करने के लिए पत्रकारों को प्रशिक्षित करने और लगातार पांच वर्षों तक धन आवंटित करने के लिए एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। यह विधेयक अप्रैल 2021 में अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति द्वारा पारित "रणनीतिक प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2021" के विषय के साथ अत्यधिक सुसंगत है।

विधेयक में प्रस्तावित है कि अमेरिका "चीन के वैश्विक प्रभाव" का मुकाबला करने के लिए पत्रकारों को प्रशिक्षण देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022 से 2026 तक प्रति वर्ष 30 करोड़ यूएस डॉलर (कुल 1.5 अरब यूएस डॉलर) आवंटित करेगा। 

हाल के वर्षों में अमेरिका ने गलती से चीन को अपना सबसे बड़ा रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी मान लिया है और चीन के खिलाफ चौतरफा दमन और रोकथाम शुरू कर दी है। जनमत युद्ध अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गया है। जिसमें "बेल्ट एंड रोड पहल", चीन की अर्थव्यवस्था, शिनजियांग और अन्य मुद्दे अमेरिका की बदनामी और निंदा का केंद्र बन गए हैं। तो, वाशिंगटन चीन के खिलाफ जनमत का युद्ध करने के लिए मीडिया में कैसे हेरफेर करता है?

एक "संस्था-मीडिया-सरकार" धोखाधड़ी श्रृंखला बनाना

लंबे समय से, अमेरिकी मीडिया ने अंतर्राष्ट्रीय जनमत के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर कब्जा कर लिया है। वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए), रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) और यूएस इंटरनेशनल मीडिया एजेंसी से संबद्ध अन्य संस्थाएं अपनी स्थापना के बाद से ही राजनीतिक प्रचार की भूमिका अदा करती हैं। 


उदाहरण के तौर पर वीओए को लें। 2023 के दौरान, इसकी " बेल्ट एंड रोड पहल" पर 93% तक रिपोर्टें नकारात्मक थीं, जिनमें "ऋण जाल" जैसी नकारात्मक कहानियां अक्सर सामने आती रहीं।

स्वीडिश बेल्ट एंड रोड पहल अनुसंधान संस्थान के उप निदेशक हुसैन अस्करी ने "ऋण जाल" शब्द की उत्पत्ति का पता लगाया। उन्होंने पाया कि मई 2018 तक यह शब्द सार्वजनिक चेतना में नहीं आया था। उस समय, अमेरिकी विदेश विभाग ने हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के "डेट डिप्लोमेसी" शीर्षक वाले एक दस्तावेज़ को विभिन्न मीडिया संस्थाओं में वितरित किया था, और दस्तावेज़ के लेखकों में से एक अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का एक अधिकारी था। डेटा आंकड़ों से पता चला है कि 2018 के बाद से, "बेल्ट एंड रोड पहल" की ऋण समस्या पर रिपोर्टों में काफी वृद्धि हुई है। "ऋण जाल" अमेरिकी मीडिया और राजनीतिक हलकों के बीच सहयोग का एक उत्पाद है।

साथ ही, अमेरिका में कुछ तथाकथित शैक्षणिक संस्थान भी इसमें शामिल हो गए हैं, जो झूठी जानकारी के उत्पादन और प्रसार के लिए एक औद्योगिक श्रृंखला बना रहे हैं। नवंबर 2023 में, तीसरे "बेल्ट एंड रोड" अंतर्राष्ट्रीय सहयोग शिखर सम्मेलन फोरम के आयोजन के ठीक दो सप्ताह बाद, अमेरिका में विलियम एंड मैरी कॉलेज की सहायता डेटा अनुसंधान प्रयोगशाला (एडडेटा) ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें दावा किया गया कि "बेल्ट एंड रोड" में लगभग 80% का ऋण वित्तीय संकट वाले देशों में गया। इसके तुरंत बाद, अमेरिकी मीडिया ने अमेरिका से मित्रों का अपना आर्थिक विकास चक्र बनाने का आह्वान किया। लगभग उसी समय, अमेरिका ने पहले "अमेरिकी आर्थिक समृद्धि साझेदारी शिखर सम्मेलन" की मेजबानी की। सम्मेलन में, अमेरिकी नेताओं ने "ऋण जाल" का उल्लेख किया और अमेरिकी देशों से सिर्फ़ अमेरिका के साथ सहयोग करने के लिए कहा।

एडडेटा क्या है? अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास कार्यालय (यूएसएआईडी) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, एडडेटा इसकी दीर्घकालिक फंडिंग एजेंसियों में से एक है। यह देखना मुश्किल नहीं है कि अमेरिका ने "संस्था, मीडिया और सरकार" में धोखाधड़ी का एक बंद चक्र बना लिया है।

चीनी कंपनियों की निंदा करने के लिए विदेशी मीडिया को तैयार करना

सरकारी धन के समर्थन से, दुनिया भर में अमेरिकी सरकार की शाखाएं स्थानीय पत्रकारों को प्रशिक्षित करने और उन्हें प्रासंगिक चीनी परियोजनाओं और उद्यमों की निंदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय संगठनों के साथ काम करती हैं।

मई 2022 में, ज़िम्बाब्वे मीडिया "द स्टैंडर्ड" ने स्थानीय कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए चीनी खनन कंपनियों की निंदा करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस मीडिया ने कहा कि रिपोर्ट जिम्बाब्वे में सूचना विकास कोष (आईडीटी) नामक संस्था के सहयोग से पूरी की गई थी। हालांकि, तथ्य यह है कि सितंबर 2021 में, आईडीटी ने ज़िम्बाब्वे और पड़ोसी देशों के 12 मीडिया पत्रकारों को प्रशिक्षित करने के लिए एक संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया और उनसे चीनी-वित्त पोषित कंपनियों को लक्षित करने और चीन से संबंधित नकारात्मक समाचार प्रकाशित करने के लिए कहा। लेख प्रकाशित होने के बाद, पत्रकारों को एजेंसी के माध्यम से जिम्बाब्वे में अमेरिकी दूतावास से प्रति लेख 1 हज़ार यूएस डॉलर का पारिश्रमिक मिल सकता है।

नग्न धन लेनदेन के माध्यम से अमेरिका चीन को बदनाम करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए विदेशों में स्थानीय मीडिया को तैयार करता है। क्या अमेरिका में कुछ लोग इसे ही "प्रेस स्वतंत्रता" कहने पर जोर देते हैं?

समाचार विषय बनने का दिखावा करने के लिए "अभिनेताओं" को रिश्वत देना

फेक न्यूज़ को अधिक "सच्चा" दिखाने के लिए कभी-कभी "न्यूज़ पार्टियां" भी ढूंढी जाती हैं। अमेरिका विदेशों में चीन विरोधी संगठनों का समर्थन करता है, "अभिनेताओं" को रिश्वत देता है और पश्चिमी मीडिया को पोषण देता है।

2019 में ज़मुरे दावुती नाम की एक महिला, जो चीन के शिनच्यांग उईगुर स्वायत्त प्रदेश से होने का दावा करती थी, ने कैमरे के सामने रोते हुई कहा कि उसके पिता की कई बार पूछताछ के बाद मृत्यु हो गई और शिक्षा और प्रशिक्षण सेंटर में उसकी जबरन नसबंदी कर दी गई। 

जल्द ही उसका भाई झूठ का पर्दाफाश करने के लिए आगे आया। यह पता चला कि उनके पिता की हृदय रोग के कारण अस्पताल में मृत्यु हो गई थी और उनके जीवनकाल के दौरान उनकी कभी जांच नहीं की गई या उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया। जहां तक उसकी बात है, उसकी नसबंदी नहीं की गई थी, लेकिन जब उसने अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया तो अस्पताल में स्वेच्छा से सिजेरियन सेक्शन और नसबंदी कराई। अमेरिकी स्वतंत्र समाचार वेबसाइट "ग्रे ज़ोन" और अन्य खुलासों के अनुसार, यह शिनच्यांग महिला स्थानीय चीन विरोधी संगठनों द्वारा प्रचारित "क्लासिक" मामलों में से एक है। इन चीन विरोधी संगठनों के पीछे वित्तीय समर्थक अमेरिकी राष्ट्रीय लोकतंत्र कोष ही है।

लंबे समय से, दुनिया की एकमात्र महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए अमेरिका के जनमत युद्ध को सैन्य, आर्थिक और राजनयिक साधनों के साथ बारीकी से समन्वयित किया गया है। हालांकि, जैसे-जैसे इसकी राष्ट्रीय शक्ति धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही है, अमेरिका अपने तथाकथित "नैतिक उच्च आधार" को आकार देने के लिए जनमत युद्ध के हथियार पर तेजी से निर्भर हो रहा है। अमेरिका का यह प्रयास इस युग के साथ असंगत है और दुनिया को धोखा नहीं दे सकता है।

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