जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास पर्याप्त नहीं हैं- चीनी विदेश मंत्रालय
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने हाल ही में "2023 उत्सर्जन अंतर रिपोर्ट" जारी की, जिसमें कहा गया कि विभिन्न देशों को "पेरिस समझौते" में वर्तमान प्रतिबद्धता की तुलना में अधिक कठोर उत्सर्जन कटौती करनी चाहिए, वरना साल 2030 तक 2.5 से 2.9 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग का सामना करना पड़ेगा।
इसकी चर्चा करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 29 नवंबर को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह रिपोर्ट हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार प्रमुख विकासशील देश के रूप में, चीन सक्रिय रूप से वैश्विक जलवायु प्रशासन में योगदान देता है और अपने साल 2020 जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले ही पार कर चुका है। चीन की वर्तमान जलवायु नीति के उपाय, लक्ष्य और दृष्टिकोण पूरी तरह से "पेरिस समझौते" के दीर्घकालिक तापमान नियंत्रण लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
वांग वनपिन ने यह भी कहा कि जल्द ही आयोजित होने वाले कोप 28 सम्मेलन में "पेरिस समझौते" को लेकर पहली बार वैश्विक समीक्षा की जाएगी। सभी पक्षों को इसके परिणामों से काफी उम्मीदें हैं।
(श्याओ थांग)