शी चिनफिंग अमेरिका के मित्रवत समूहों द्वारा आयोजित स्वागत भोज में भाषण दिया

2023-11-16 16:51:05

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने स्थानीय समयानुसार 15 नवंबर की रात को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में अमेरिका के मित्रवत समूहों द्वारा आयोजित स्वागत भोज में भाग लिया और भाषण दिया।

इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि आज मैंने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ महत्वपूर्ण सहमति बनाई। दोनों देश लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए और अधिक कदम उठाएंगे। इसके तहत चीन और अमेरिका सीधी यात्री उड़ानों की संख्या बढ़ाएंगे, पर्यटन में उच्च स्तरीय वार्ता का आयोजन करेंगे और वीज़ा आवेदन की प्रक्रिया को अनुकूलित करेंगे। हम इसकी प्रतीक्षा करते हैं कि दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान अधिक होगा और नए युग में लोगों के बीच मित्रता की कहानी जारी रखी जाएगी।

शी चिनफिंग ने घोषणा की कि चीन और अमेरिका के लोगों, विशेषकर युवाओं की आवाजाही बढ़ाने के लिए चीन अगले पाँच वर्षों में 50 हजार अमेरिकी युवाओं के चीन आने का स्वागत करेगा।

शी चिनफिंग ने आगे कहा कि चीन-अमेरिका संबंधों की आशा लोगों पर निर्भर है, नींव नागरिकों में निहित है, भविष्य युवाओं में है और जीवन शक्ति इलाकों में है। मैं अमेरिका के और अधिक गवर्नरों, सांसदों और विभिन्न जगतों के लोगों का चीन का दौरा करने का स्वागत करता हूं।

शी चिनफिंग ने कहा कि शांतिपूर्ण सहअस्तित्व अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का सावधानीपूर्वक बुनियादी मापदंड ही नहीं, चीन और अमेरिका द्वारा बनाए रखने वाली निचली रेखा है। शांतिपूर्ण विकास पर कायम रहने वाले चीन को खतरा माना जाता है और ज़ीरो-सम खेल खेला जाता है, यह सही दिशा के विपरीत है।

शी चिनफिंग ने यह भी कहा कि आपसी सम्मान लोगों के बीच आदान-प्रदान करने का बुनियादी शिष्टाचार है और चीन व अमेरिका के बीच न्यूनतम मानदंड भी है। अमेरिका का विशेष इतिहास, संस्कृति और भौगोलिक स्थिति है, जिससे अपने विकास का रास्ता और सामाजिक व्यवस्था तैयार हुई। हम इसका पूरा सम्मान करते हैं। वहीं, चीनी विशेषता वाले समाजवाद का रास्ता वैज्ञानिक समाजवादी सिद्धांत के मार्गदर्शन में तैयार हुआ, जो पांच हजार से अधिक वर्षों की निरंतर चीनी सभ्यता में जुड़ा हुआ है। हम भी गौरव महसूस करते हैं। दोनों रास्ते अलग हैं, लेकिन सब लोगों के चुनाव हैं। दोनों मानव जाति के सामान्य मूल्यों की ओर ले जाते हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।

(ललिता)

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