शी चिनफिंग ने साझा भविष्य वाले एशिया-प्रशांत समुदाय के निर्माण को बढ़ावा दिया
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन, यानी एपेक, पहला क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है जिसमें चीन ने अपने सुधार और खुलेपन के बाद से भाग लिया है। यह आर्थिक वैश्वीकरण में चीन की गहरी भागीदारी का भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
वर्ष 2013 से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एपेक मंच पर साझा भविष्य वाले एशिया-प्रशांत समुदाय के निर्माण की अवधारणा पर बार-बार प्रकाश डाला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि हमें एशिया-प्रशांत के विकास को बढ़ावा देने के लिए चीन के योगदान का इस्तेमाल करना चाहिए और सभी पक्षों को संयुक्त रूप से खुला, समावेशी, नवाचार और विकास, परस्पर जुड़ाव और उभय जीत सहयोग के एक साझा भविष्य वाले एशिया-प्रशांत समुदाय का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
अक्टूबर 2013 को इंडोनेशिया के बाली में, राष्ट्रपति शी चिनफिंग एपेक मंच में पहली बार उपस्थित हुए। उस साल के एपेक बिजनेस लीडर्स शिखर सम्मेलन में, शी चिनफिंग ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमें एशिया-प्रशांत के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय की भावना को दृढ़ता से स्थापित करना चाहिए। 9 नवंबर 2014 को एपेक बिजनेस लीडर्स शिखर सम्मेलन पेइचिंग में उद्घाटित हुआ। शी चिनफिंग ने "निरंतर विकास को आगे बढ़ाएं और संयुक्त रूप से एशिया-प्रशांत सपने का निर्माण करें" शीर्षक मुख्य भाषण दिया। नवंबर 2018 में एपेक नेताओं की 26वीं अनौपचारिक बैठक पापुआ न्यू गिनी में आयोजित की गई थी। शी चिनफिंग ने "बेहतर भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करना" शीर्षक एक मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने विश्व आर्थिक विकास की सही दिशा को समझने के तरीके पर चीन के प्रस्तावों को सामने रखा।
चंद्रिमा