विश्व पर्यावास दिवस:लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाओं के साथ आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दें

2023-09-30 09:28:38

2 अक्तूबर 2023 को, विश्व पर्यावास दिवस है। आज की दुनिया में, जनसंख्या की तेज़ वृद्धि के दबाव में लोगों के रहन-सहन का वातावरण लगातार बिगड़ रहा है, और मानव जाति के आवास की समस्या पर लोगों का ज्यादा से ज्यादा ध्यान केंद्रित हो रहा है। मानव बस्तियों के क्षेत्र में चाहे विकसित देश हो, या विकासशील देश, उन्हें कुछ समान समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यानी कि भीड़भाड़, बुनियादी सेवाओं की कमी, पर्याप्त आवास की कमी, अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा इत्यादि।

वर्ष 1985 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल अक्तूबर के पहले सोमवार को "विश्व पर्यावास दिवस" (वर्ल्ड हैबिटेट डे) के रूप में निर्धारित करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसका उद्देश्य मानव बस्तियों की समस्या को हल करने के लिए सरकारों और पूरे समाज का ध्यान आकर्षित करना है, और पूरी दुनिया को मानव बस्तियों के विकास के लिए प्रयास करने का आह्वान करना है।

फिलहाल, सामाजिक उथल-पुथल, प्राकृतिक आपदाएं, स्थानीय युद्ध आदि कारणों से दुनिया में बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं, उनके रहन-सहन की समस्याओं पर ध्यान देना और उनका समाधान करना और भी आवश्यक हो गया है।

साल 2023 विश्व पर्यावास दिवस की थीम "लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएँ, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर" है, जिसमें इस पर विचार विमर्श किया जाएगा कि शहर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निवासियों के लाभ के लिए किस प्रकार स्थापित कर सकते हैं।

लचीला शहर, एक शहर की आर्थिक संकट, सार्वजनिक स्वास्थ्य घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों आदि विभिन्न जोखिमों की प्रभावी ढंग से भविष्यवाणी करने, प्रतिक्रिया देने और उनसे उबरने की व्यापक क्षमता को संदर्भित करता है। साथ ही, संसाधनों के उचित आवंटन के माध्यम से विभिन्न जोखिमों से होने वाले नुकसान को कम करता है और शहर के सभी पहलुओं का बुनियादी संचालन सुनिश्चित करता है। चीन में "लचीले शहर" की अवधारणा को केंद्र से स्थानीय सरकारों तक की "14वीं पंचवर्षीय योजना और वर्ष 2035 के लिए दीर्घकालिक लक्ष्यों की रूपरेखा" में लिखा गया है।

इधर के सालों में, चीन अपने लोगों के जीवन और रहने के माहौल में सुधार लाने और सतत् व उच्च गुणवत्ता वाले शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन ने "नए शहरीकरण" की अवधारणा और "एकीकृत, कुशल, हरित और निम्न-कार्बन" वाले विकास की नई मांग पेश की है। साथ ही, स्पंज शहरों का निर्माण करने, हरित क्षेत्रों को बढ़ाने, आर्द्रभूमि पार्कों का निर्माण करने आदि कार्यों पर सक्रिय है। उद्देश्य है कि प्राकृतिक पर्यावरण और मानव बस्ती पर्यावरण के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व बनाया जाए। 

साल 2023 शहरी अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती भरा वर्ष है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि लगभग 2.5 प्रतिशत तक गिर जाएगी। साल 2020 में कोविड-19 प्रकोप के शुरुआती दिनों और 2009 में वैश्विक वित्तीय संकट के अलावा, यह साल 2001 के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे कमज़ोर वृद्धि है।

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) का मानना है कि सतत् आर्थिक विकास और आर्थिक बहाली हासिल करने के लिए हमें ऐसे शहरों की जरूरत है जो भविष्य के आर्थिक झटकों को झेल सकें, उबर सकें और उनके लिए तैयारी कर सकें।

(श्याओ थांग)

रेडियो प्रोग्राम