महिला मशाल वाहक वू च्य्वीफिंग की कहानी
8 सितंबर से हांगचो एशियाई खेल का मशाल रिले शुरू हुआ, जिसमें 2022 मशाल वाहकों ने भाग लिया। ये मशाल वाहक विभिन्न क्षेत्रों और व्यवसायों से हैं, उनमें उत्कृष्ट एथलीट, नैतिक मॉडल, औद्योगिक श्रमिक, शिक्षक प्रतिनिधि, वैज्ञानिक अनुसंधान विशेषज्ञ शामिल हैं।
104वीं मशाल वाहक वू च्य्वीफिंग को लोगों द्वारा प्यार से "सबसे खूबसूरत मां" कहा जाता है।
2 जुलाई 2011 को, हांगचो के एक निवास स्थल पर 2 वर्षीय बच्ची न्युन्यु एकाएक इमारत की 10वीं मंजिल से गिर गई। उसी क्षण नीचे से गुजर रही वू च्य्वीफिंग ने अपनी ऊँची एड़ी की चप्पल उतार दी और अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना दौड़ पड़ी। उन्होंने छोटी लड़की के गिरने की स्थिति का अनुमान लगाया, अपनी बाहें खोलीं, और छोटी लड़की को अपने बाएं हाथ से पकड़ लिया, जैसे ही बच्ची जमीन से टकराने वाली थी, और वह बच्ची के साथ जमीन पर गिर गईं।
छोटी लड़की की जान तो बच गई, लेकिन भारी टक्कर के कारण वू च्य्वीफिंग के बाएं हाथ में कई फ्रैक्चर हुए और वह मौके पर ही बेहोश हो गईं। बाद में, कुछ नेटिज़न्स ने गणना की कि वू च्य्वीफिंग अपने हाथों से 300 किलोग्राम से अधिक वजन वाली वस्तु को पकड़ने के बराबर कार्य किया था।
मौत के मुंह से वापस आने के बाद छोटी लड़की न्युन्यु धीरे-धीरे ठीक हो गई। उसके इलाज में भाग लेने वाले अमेरिकी चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाव विभोर होकर कहा कि उन्होंने जीवित रहने का ऐसा उदाहरण पहले कभी नहीं देखा था। अमेरिका के डेविड गेफेन मेडिसिन स्कूल के प्रोफेसर विलियम ओपेनहेम ने कहा कि वू च्य्वीफिंग की कार्यवाही निस्संदेह वीरतापूर्ण हैं। उन्होंने एक चमत्कार होते देखा है।
ठीक होने के बाद, वू च्य्वीफिंग ने अपना काम सार्वजनिक कल्याण कार्यों पर केंद्रित कर दिया। वह विकलांग लोगों, गरीबी में पड़े ग्रामीण महिलाओं, और कमजोर लोगों की मदद करने में संलग्न हैं।
तब से अब तक, दस साल हो चुके हैं। "सबसे खूबसूरत मां" की शैली अभी भी वही है, और छोटी बच्ची एक लड़की बन गई है। आज, "सबसे खूबसूरत मां" एशियाई खेलों की मशाल थामे हुए, प्यार और गर्मजोशी का संदेश दे रहीं हैं।
(श्याओ थांग)