चीन को बदनाम कर परमाणु-प्रदूषित जल को समुद्र में छोड़ने की हरकत को छिपा नहीं सकता जापान

2023-08-30 16:04:51

पिछले कुछ दिनों से फुकुशिमा परमाणु-दूषित जल का प्रशांत महासागर में प्रवाह जारी है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने जापान सरकार की कड़ी आलोचना की है। हालांकि, जापानी पक्ष ने अपनी गलती को सुधारने के बजाय चीन पर उंगली उठाई। जापानी मीडिया ने लिखा है कि "चीन में जापान विरोधी भावना गर्म हो रही है" और "चीनी लोग जापान के खिलाफ़ 'उत्पीड़न' की कार्रवाई कर रहे हैं"। जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और कई अन्य राजनेताओं ने मांग की कि चीन जापानी जलीय उत्पादों पर आयात प्रतिबंध रद्द करे, और यहां तक कि तथाकथित जवाबी कदम उठाने की धमकी भी दी है।

यह जापानी पक्ष द्वारा नियोजित जनमत युद्ध का हिस्सा है। चूंकि जापान सरकार ने दो साल पहले परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ने की घोषणा की थी, इसके बाद संबंधित "प्रचार अभियान भी शुरू किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर, जापान पुनर्निर्माण एजेंसी के 2021 के बजट में फुकुशिमा परमाणु से संबंधित पीआर बजट बहुत अधिक बढ़कर 2 अरब जापानी येन हो गया है, जो 2020 की तुलना में 4 गुना अधिक है। जापान ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन (एनएचके) की रिपोर्ट के अनुसार, जिस दिन परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ा गया था, जापान के विदेश मंत्रालय ने तथाकथित "झूठी सूचना" का निपटारा करने के लिए नीति बनायी, और लगभग 70 अरब जापानी येन का बजट बनाया। जापान द्वारा 2020 में जारी परमाणु-दूषित जल के निस्तारण संबंध रिपोर्ट को देखते हुए, "प्रसार के लिए यह खर्च" परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ने के बजट का लगभग 20 गुना पहुंचता है।

जापान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संदेह और विरोध की परवाह किए बिना फुकुशिमा परमाणु-प्रदूषित जल को समुद्र में छोड़ने पर जोर दिया, जिससे वैश्विक समुद्री पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए अप्रत्याशित और भारी जोखिम आया और इससे व्यापक आक्रोश पैदा हुआ। यही घटना की जड़ है. खाद्य सुरक्षा के बारे में चीनी उपभोक्ताओं की चिंताएं न केवल वास्तविक हैं, बल्कि मजबूत भी हैं। साथ ही, चीन हमेशा कानून के अनुसार चीन में विदेशियों की सुरक्षा और वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करता है।

दरअसल, जापान स्थित चीनी दूतावास द्वारा जारी खबर के मुताबिक, जापान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावास को हाल ही में जापान से बड़ी संख्या में परेशान करने वाले फोन कॉल आए हैं, जिससे दूतावास और वाणिज्य दूतावास के सामान्य संचालन में गंभीर रूप से हस्तक्षेप पैदा हुआ है। जापानी राजनेताओं और मीडिया ने इस मामले का उल्लेख क्यों नहीं किया? 

दूसरी ओर, बाहरी दुनिया की आलोचना के सामने, जापान द्वारा चीन को निशाना बनाने का कारण जापान की घरेलू राजनीतिक पारिस्थितिकी से संबंधित है। वर्तमान जापानी समाज चीन के प्रति नकारात्मक धारणाओं से भरा है। "चीनी ख़तरे" को बढ़ावा देना और हर चीज़ के लिए चीन को एक बहाने के रूप में इस्तेमाल करना कुछ जापानी राजनेताओं का आम तरीका बन गया है।

पिछले कुछ वर्षों में, जापान ने समुद्र में परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ने को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। दूसरी ओर, उसने अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार किया है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विभाजन और टकराव पैदा करने के प्रयास में अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। ऐसा जापान केवल पड़ोसी देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उससे अधिक सावधान करेगा। अब जापान को जो करने की ज़रूरत है वह है तुरंत अपनी गलतियों को सुधारे और परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ना बंद करे, न कि इसके विपरीत कदम उठाए।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

रेडियो प्रोग्राम