फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने के जापान सरकार के फैसले अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में कड़ी निंदा

2023-08-23 15:43:08

 22 अगस्त को जापान सरकार ने 24 अगस्त को फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़ना शुरू करने का निर्णय लिया। इसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी आलोचना और विरोध किया है। कई देशों के लोगों और मीडिया ने बताया कि जापान की हरकतें बेहद गैर-जिम्मेदाराना और हानिकारक हैं, और उससे समुद्र में पानी छोड़ने के अपने फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया।

   22 तारीख को दोपहर के बाद दक्षिण कोरिया के कई नागरिक समूहों से बनी "जापान में रेडियोधर्मी दूषित जल के निर्वहन को रोकने के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई" और दक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कॉमन डेमोक्रेटिक पार्टी ने दक्षिण कोरिया में जापानी दूतावास के सामने आपातकालीन संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया, समुद्र में परमाणु-दूषित पानी छोड़ने के जापानी सरकार के फैसले का विरोध किया।

   22 तारीख को रूसी समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूसी विज्ञान अकादमी के चीन और आधुनिक एशिया संस्थान के जापानी अध्ययन केंद्र के निदेशक वालेरी किस्टानोव ने कहा कि परमाणु-दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की जापान की योजना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसका विरोध किया है।

   "फिलीपीन स्टार" के स्तंभकार ली तियानरोंग ने कहा कि जापानी सरकार का निर्णय "विनाशकारी" है। प्रशांत महासागर केवल जापान का नहीं है। जापान द्वारा समुद्र में परमाणु-दूषित पानी छोड़ने से होने वाला नुकसान कई वर्षों तक रहेगा और पीढ़ियों को प्रभावित करेगा।

   स्थानीय मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में फिजी फर्स्ट पार्टी के सदस्य कैतन लाल ने जापानी सरकार के फैसले की निंदा की। उन्होंने बताया कि समुद्र में परमाणु-दूषित पानी छोड़ने से फिजी सहित पूरे प्रशांत क्षेत्र में द्वीपवासियों की आजीविका को खतरा होगा।

(वनिता)

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