एशिया में व्यापारिक सहयोग का मंच बना चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो
7वां चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो और 27वां चीन कुनमिंग आयात और निर्यात मेला 16 तारीख को चीन के युन्नान प्रांत में शुरू हो चुका है। इस बार का थीम "सामान्य विकास के लिए एकजुटता और सहयोग" है। इस केंद्रीय थीम के साथ यह पांच दिवसीय कार्यक्रम शुरू हो चुका है, जिसका आयोजन चीनी वाणिज्य मंत्रालय और युन्नान प्रांत की पीपुल्स सरकार संयुक्त रूप से कर रहे हैं। चीन में होने वाले दक्षिण एशिया एक्सपो एक साथ दक्षिण एशियाई देशों को एक तरह से औद्योगिक मंच मुहैया करा रहा है।
15 प्रदर्शनी हॉल में इसे किया जा रहा है, जो करीब डेढ़ लाख वर्ग मीटर तक फैला हुआ है। कोरोना के बाद चूंकि ऑनलाइन कामकाज बढ़ा है, लिहाजा इस एक्सपो पर भी दिख रहा है। यानी इस बार ऑनलाइन भी इसे आयोजित किया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह हॉल के अलावा, चीन और विभिन्न क्षेत्रों के बीच अर्थव्यवस्था और व्यापार सहयोग और संस्कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भौगोलिक स्थानों के अनुसार वर्गीकृत तीन हॉल हैं, दक्षिण एशिया हॉल, दक्षिण पूर्व एशिया हॉल और ओवरसीज हॉल यानी पहले हॉल में सिर्फ दक्षिण एशिया के ही देशों की प्रदर्शनी लगी है, जबकि दूसरे में दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों की प्रदर्शनी लगी है, जबकि आखिरी हॉल में बाकी दुनिया के देशों की कंपनियों की प्रदर्शनी लगी है। इसके साथ ही विशेष थीम आधारित पेशेवर प्रदर्शनियों के लिए नौ और हॉल हैं। इनमें खेती-किसानी के साथ ही कृषि आधारित उद्योगों के साथ ही संस्कृति और पर्यटन आदि पर भी फोकस किया गया है।
इस वर्ष के एक्सपो में एक लाइव स्ट्रीमिंग मॉडल पेश किया गया है, जिसके जरिए सभी भागीदारों को वन-स्टॉप सेवा प्रदान करता है। इसके जरिए वे लोग जो साइट पर आने में असमर्थ हैं, प्रदर्शनी का दौरा कर सकते हैं या फिर बैठकों में भाग ले सकते हैं। बातचीत में शामिल हो सकते हैं, समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और क्लाउड सेवा के साथ ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से खरीदारी कर सकते हैं।
चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो के व्यापार पैमाने के निरंतर विस्तार के साथ, चीन और दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार आदान-प्रदान और मजबूत हुआ है। जब पहला एक्सपो 2013 में आयोजित किया गया था, तो चीन और दक्षिण एशियाई देशों के बीच कुल व्यापार मात्रा 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम थी। 2022 तक, कुल व्यापार मात्रा 8.3 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ लगभग 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है
चीन दक्षिण एशियाई देशों का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। दक्षिण एशियाई देशों के जलीय उत्पाद, चाय और मेवे चीनी उपभोक्ताओं को बेहद पसंद हैं और चीन को उनका निर्यात लगातार बढ़ रहा है। इस बार भी पिछले वर्षों की तरह भारतीय कंपनियां भी शामिल हुई हैं. जो अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं। इससे उम्मीद है कि भारतीय कंपनियों का भी रसूख और भारतीय उद्योगों की पहुंच दुनिया में बढ़ेगी।
चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो को पहले "दक्षिण एशियाई देशों की कमोडिटी प्रदर्शनी" के रूप में जाना जाता था, जो दक्षिण एशियाई वस्तुओं के लिए एक विशेष प्रचार मंच प्रदान करता था। वर्षों के विकास के बाद, चीन-दक्षिण एक्सपो माल व्यापार, निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को एकीकृत करने वाला एक व्यापक प्रदर्शनी मंच बन गया है, और इसने चीन और दक्षिण एशियाई देशों के लिए आर्थिक और व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का विस्तार करने के लिए दूसरे देशों विशेषकर एशइया के देशों के बीच महत्वपूर्ण पुल के तौर पर स्थापित हो रहा है।
जिस युन्नान प्रांत में यह आयोजन हो रहा है, उससे भारत का अतीत में गहरा संपर्क रहा है। युन्नान के गवर्नर किन गुआंगरोंग ने 9-15 नवंबर 2008 को व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत का दौरा किया। उनके साथ कुनमिंग शहर के मेयर और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी था। भारत की औद्योगिक संस्था कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज यानी सीआईआई ने युन्नान पर विशेष ध्यान देने की दिशा में "भारत-चीन: आर्थिक और व्यापार संवर्धन" पर सेमिनार आयोजित कर चुकी है। कुनमिंग आयरन एंड स्टील ग्रुप और इंडिया नोबल ग्रुप के बीच उस दौरान 1.5 मिलियन टन लौह अयस्क के लिए सहयोग समझौता हुआ था। भारतीय उद्योग जगत की प्रमुख संस्था फिक्की के साथ भी युन्नान के लेफ्टिनेंट गवर्नर की बैठक हो चुकी है। मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी सिंह 19 से 21 सितंबर, 2013 तक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शियुशुआंगबन्ना और कुनमिंग का दौरा कर चुके है।
(उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ भारतीय पत्रकार)