क्लस्टर बम की त्रासदी को फिर दोहराएगा इतिहास …!

2023-07-14 16:28:46

इस गर्मी में, जब लाओस में छात्रों ने चीन-लाओस रेलवे पर हाई-स्पीड ट्रेन ली और "ट्रेन से दुनिया को देखने" की खुशी का अनुभव किया, तो वे यह कल्पना नहीं कर सकते कि चीन-लाओस रेलवे के निर्माण के लिए  निर्माण टीम ने रेलवे के पास छोड़े गए अमेरिकी क्लस्टर बमों को साफ़ करने में दो साल से अधिक समय बिताया।

ये बम वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा लाओस पर गिराए गए थे। अमेरिका सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि वह यूक्रेन को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता प्रदान करेगी, जिसमें सामूहिक विनाश के क्लस्टर बम भी शामिल हैं, जिससे एक बार फिर लोगों के मन में इतिहास के उस दौर की यादें ताजा हो गईं।

यूक्रेन संकट के छेड़ने के बाद अमेरिका ने निरंतर यूक्रेन को विभिन्न हथियार और गोला-बारूद प्रदान करना जारी किया है। हालांकि, अमेरिका द्वारा यूक्रेन को क्लस्टर बम प्रदान करने की घोषणा के बाद, पश्चिमी शिविर के भीतर कई विरोधी आवाजें उठीं। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ब्रिटेन क्लस्टर बमों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय संधि का एक संस्थापक देश है और ऐसे हथियारों के उपयोग को प्रोत्साहित नहीं करता है। स्पेन, कनाडा और अन्य देशों ने भी अपना विरोध जताया।

क्लस्टर बमों के इतने विवादास्पद होने का कारण यह है कि इनमें अत्यधिक मारक क्षमता होती है। एक क्लस्टर बम में दर्जनों या यहां तक कि सैकड़ों छेटे बम होते हैं। एक बार फेंकने के बाद, छोटे बम का वितरण और कवरेज पूरी तरह से अनियंत्रित होता है, और इन बमों की "मिसफायर दर" बहुत अधिक होती है।

"मिसफायरिंग रेट" बहुत अधिक क्यों है? यह न केवल उत्पादन की गुणवत्ता की समस्या है, बल्कि इसका उपयोग के वातावरण से भी बहुत कुछ संबंधित है। यदि लक्ष्य क्षेत्र में वुडलैंड है, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि विस्फोट होने से पहले छोटे बम पेड़ पर लटक जाएंगे, यदि लक्ष्य क्षेत्र नरम रेत, मोटी घास या खेत है, तो इनका विस्फोट भी नहीं हो सकता है।

लेकिन यह इसका मतलब नहीं है कि ये बम बाद में भी विस्फोटित नहीं होंगे। जब हवा से बम फिर से जमीन पर गिरते, या किसान फ़सल की जुताई और कटाई करते समय उसका सामना करते, तो बमों का विस्फोट होने की संभावना है और त्रासदी पैदा हो सकता है।

1964 से 1973 तक वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका ने दक्षिणी वियतनाम, लाओस और पूर्वी कंबोडिया पर बड़ी संख्या में क्लस्टर बम गिराए। इनमें लाओस क्लस्टर बमों से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है.

अमेरिकी रक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वियतनाम युद्ध के दौरान, अमेरिका ने लाओस पर 5.8 लाख बार बमबारी की, जिसमें क्लस्टर बम सहित 20 लाख टन से अधिक बमों का उपयोग किया गया। लाओस में, अनुमानतः 8 करोड़ अमेरिकी सैन्य क्लस्टर बम विस्फोटित नहीं हुए हैं। युद्ध की समाप्ति के बाद से, 1 प्रतिशत से भी कम गैर-विस्फोटित बमों को साफ़ किया गया है, जिसके कारण लगभग 20 हज़ार नागरिक मारे गए और बड़ी संख्या में आम लोग घायल हुए। युद्ध सामग्री विशेषज्ञों का कहना है कि लाओस को गैर-विस्फोटित बमों से मुक्त करने में 100 साल लग सकते हैं।

सिर्फ लाओस में नहीं, पिछले 20 वर्षों में, अमेरिका ने कोसोवो युद्ध और इराक युद्ध जैसे कई युद्धों में बड़े पैमाने पर क्लस्टर बमों का उपयोग किया था। अधूरे आंकड़ों के अनुसार, क्लस्टर बमों के जन्म के बाद से लगभग 5.6 हज़ार से 8.6 हज़ार नागरिकों की जान ली गयी है। 90 प्रतिशत से अधिक पीड़ित आम लोग थे, जिनमें से कई बच्चे भी थे।

"वाशिंगटन पोस्ट" की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका यूक्रेन को 1987 में विकसित M864 क्लस्टर बम प्रदान करेगा। प्रत्येक क्लस्टर बम के 72 छोटे बमों में से कम से कम चार का विस्फोट नहीं होगा।

क्लस्टर बमों के उपयोग के मुद्दे पर अमेरिका का रवैया अस्पष्ट रहा है। 2008 में, अमेरिका सरकार ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि अमेरिकी सेना क्लस्टर बमों का उपयोग नहीं करेगी और सभी क्लस्टर बमों को "सील" कर दिया। हालांकि, आज यूक्रेन को भेजा जाने वाले क्लस्टर बम 15 साल पहले "सील" किये गये थे।

एक साल पहले, अमेरिका के व्हाइट हाउस की तत्कालीन प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि अगर क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया, तो यह एक युद्ध अपराध हो सकता है। एक साल बाद, अमेरिका अपनी ही निंदा का पात्र बन गया। 


रेडियो प्रोग्राम