चीन के साथ "पारस्परिक लाभ वाली साझी जीत" की तलाश में अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण बात क्या है

2023-07-10 16:35:13

9 जुलाई को अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट एल येलेन ने अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा समाप्त की। पिछले कुछ दिनों की बैठकों और बातचीत के दौरान चीन और अमेरिका दोनों ने संचार और सहयोग को मजबूत करने का इरादा जताया है। चीनी अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को सामान्य बनाना सामान्य आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान के लिए अनुकूल नहीं है। येलेन ने दोहराया कि अमेरिका चीनी अर्थव्यवस्था से "अलग" नहीं होना चाहता है और दोनों पक्षों की अर्थव्यवस्थाओं को "पारस्परिक लाभ वाली साझी जीत" की तलाश करने का वादा किया।

येलेन एक महीने के भीतर चीन का दौरा करने वाली दूसरी वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी अधिकारी हैं। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने चीन का दौरा किया था। दोनों पक्षों द्वारा जारी की गई जानकारी से पता चलता है कि इस बार येलेन की यात्रा का मकसद चीन और अमेरिका को एक-दूसरे की चिंताओं के बारे में गहरी और अधिक व्यापक समझ बनाना है। दोनों पक्षों ने बातचीत जारी रखने की इच्छा भी व्यक्त की। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताएं कुछ हद तक कम हो गई हैं। कुछ विदेशी मीडिया संस्थाओं का मानना है कि यह एक "सकारात्मक कदम" है।

चीन और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद के विगत 40 से अधिक वर्षों में, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग हमेशा द्विपक्षीय संबंधों का "गिट्टी पत्थर" और "प्रोपेलर" रहा है। हालांकि, मार्च 2018 में अमेरिका द्वारा चीन के साथ एकतरफा व्यापार युद्ध छेड़ने के बाद, दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग बुरी तरह प्रभावित हुआ। बाइडेन के सत्ता में आने के बाद उन्होंने चीन पर टैरिफ बढ़ाने की अपनी पूर्ववर्ती नीति को जारी रखा और चीन के खिलाफ़ दमन तेज किया। नवंबर 2022 में, चीन और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों ने इंडोनेशिया के बाली द्वीप में मुलाकात की और अहम सहमतियां बनायीं। येलेन की इस बार की चीन यात्रा को दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बनी सहमतियों को लागू करने और दोनों देशों के वित्तीय क्षेत्र में संचार और आदान-प्रदान को मजबूत करने के ठोस उपाय के रूप में देखा जा रहा है।

चीन-अमेरिका संबंध अब संकट में हैं। मौलिक रूप से कहें तो अमेरिका ने चीन के बारे में अपनी धारणा में गलती की है और वह चीन को "सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रतिस्पर्धी" मानता है। इस तरह, आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के संदर्भ में अमेरिका में कुछ लोग अभी भी वास्तव में यह नहीं समझते हैं कि "पारस्परिक लाभ और साझी जीत चीन-अमेरिका आर्थिक संबंधों का सार हैं", और उन्हें यह एहसास नहीं है कि "सहयोग को मजबूत करना" चीन और अमेरिका दोनों की वास्तविक मांग और सही विकल्प है।"

वर्तमान में, चीन चीनी शैली वाले आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहा है और आम विकास को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका सहित दुनिया के सभी देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने का इच्छुक है। अमेरिका के लिए चीन एक बड़ा बाजार है, और चीन के साथ सहयोग अमेरिका में रोजगार को बढ़ावा देने और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए भी अनुकूल है।

दरअसल, चीन के साथ व्यापार युद्ध से होने वाले नुकसान से अमेरिका अनजान नहीं है। मूडीज़ के शोध के अनुसार, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में 90 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लागत अमेरिका द्वारा वहन की जाती है। और अमेरिका का मूल महत्वपूर्ण लक्ष्य, यानी व्यापार घाटे को पलटना भी साकार नहीं हुआ है। अमेरिका के आंकड़ों के अनुसार, चीन के साथ अमेरिकी व्यापार घाटा पिछले साल 8 प्रतिशत तक बढ़ गया, जो 382.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। केवल चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की प्रकृति को अच्छी तरह पहचानकर ही अमेरिकी पक्ष शांत रवैये से यह सोच सकता है कि अमेरिका और अमेरिकी लोगों को वास्तव में लाभ पहुंचाने के लिए क्या करना चाहिए।

वर्तमान में, अमेरिका में कई राजनेताओं ने चीन पर सख्त होने की तथाकथित "राजनीतिक शुद्धता" के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को सामान्य बनाया और आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने की पूरी कोशिश की। अब अमेरिका को जो करना चाहिए वह है चीन पर लगाए गए टैरिफ को जल्द से जल्द रद्द करना, चीन को निर्यात नियंत्रण में ढील देना, चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध हटाना और दोनों देशों के उद्यमों के लिए व्यापार और निवेश सहयोग का विस्तार करने के लिए माहौल और स्थितियां बनाना।

चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापारिक सहयोग दोनों देशों के संबंधों के समग्र वातावरण से अविभाज्य है। येलेन के चीन आने से पहले, अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वह "चीन-अमेरिका संबंधों को जिम्मेदारी से प्रबंधित करेगा।" बाइडेन प्रशासन के कैबिनेट सदस्यों में से येलेन का चीन के प्रति अपेक्षाकृत तर्कसंगत रवैया है। इसके अलावा, उन्होंने एक बार फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था और उनमें पेशेवर गुण हैं। वे चीन-अमेरिका संबंधों के सुधार को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकती हैं और निभानी भी चाहिए। 

विश्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक वृद्धि दर 2022 की 3.1 प्रतिशत से घटकर 2023 की 2.1 प्रतिशत हो जाएगी। चीन और अमेरिका की कुल जीडीपी दुनिया के एक तिहाई से अधिक है, और दोनों देश विश्व आर्थिक विकास में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान देते हैं। दोनों पक्षों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करना विश्व अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इस वर्ष की शुरुआत से कई अमेरिकी उद्यमी "संबंध-विच्छेद" के प्रति अपना विरोध व्यक्त किया और चीन के साथ मजबूत सहयोग का आह्वान करने के लिए चीन आए हैं। यह अमेरिका के व्यापारिक जगत की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है।

हमें उम्मीद है कि येलेन के चीन लौटने के बाद अमेरिका चीन-अमेरिका संबंधों को "स्थिर और बेहतर" करने के लिए चीन के साथ काम करने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करेगा।

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