आईएईए सुरक्षा समीक्षा का सामना करते हुए जापान को पांच मुद्दों को स्पष्ट करना चाहिए

2023-05-31 15:50:45

"जापान के लिए परमाणु-दूषित पानी को महासागर में छोड़ना गलत है। यह हमारे लिए आपदा पैदा करेगा।" फुकुशिमा परमाणु-दूषित जल निर्वहन की तिथि के आने से, स्थानीय लोग और भी अधिक चिंतित हैं। लोग आशा करते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए), जो वर्तमान में जापान में जांच कर रही है, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए जापान की परमाणु-दूषित पानी छोड़ने की परियोजना की निष्पक्ष और पेशेवर समीक्षा कर सकती है।

29 मई से आईएईए की विशेषज्ञ टीम जापान की पांच दिवसीय यात्रा करेगी। जापानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह एजेंसी द्वारा अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट जारी करने से पहले की गयी आख़िरी सुरक्षा समीक्षा है। यात्रा के दौरान 11 देशों के विशेषज्ञ जापान सरकार और टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी के प्रतिनिधियों से मिलेंगे, उत्सर्जन सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे और जून में एक रिपोर्ट जारी करने की योजना बना रहे हैं।

आईएईए सभी देशों के परमाणु अप्रसार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं की निगरानी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कोर संस्था है। आईएईए के महानिदेशक ग्रॉसी ने अपनी हालिया चीन यात्रा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया कि एजेंसी किसी भी देश के परमाणु-दूषित पानी को छोड़ने का समर्थन नहीं करेगी, और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाली किसी भी गतिविधि से सहमत नहीं होगी। जापान सरकार आईएईए के आकलन और समीक्षा का उपयोग कर अपने परमाणु प्रदूषित पानी के समुद्र में छोड़ने के लिए अनुमति नहीं ला सकेगी। दक्षिण कोरिया, प्रशांत द्वीप देशों और अन्य देशों के लोगों ने आह्वान किया कि जापानी पक्ष को पांच मुद्दों को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं का जवाब देना चाहिए।

पहला,क्या फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी से निपटने के लिए समुद्र में छोड़ना एकमात्र समाधान है? वास्तव में, जापान सरकार ने परमाणु-दूषित पानी के लिए पांच निपटान विकल्पों का प्रस्ताव किया था, जिसमें हाइड्रोजन रिलीज, फॉर्मेशन इंजेक्शन, अंडरग्राउंड दफन, स्टीम रिलीज और समुद्र डिस्चार्ज शामिल हैं। लेकिन जापान ने समुद्र में छोड़ना क्यों चुना? जापान सरकार की विशेषज्ञ समिति ने खुलासा किया कि अन्य विकल्पों की तुलना में, समुद्र में छोड़ना सबसे सस्ता तरीका है और इससे जापान को प्रदूषण का सबसे कम खतरा है।

दूसरा, क्या टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का परमाणु-दूषित पानी पर डेटा विश्वसनीय है? 2011 में फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के बाद से, टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी को कई बार डेटा के साथ छेड़छाड़ और दुर्घटनाओं को छुपाने के लिए उजागर किया गया है। "स्थिति को जाने बिना समुद्र को छोड़ना बहुत परेशान करने वाला है।" फुकुशिमा के मछुआरे योशिकी सातो और अन्य लोगों के विचार में, जापान सरकार की इस योजना को लोगों की सहमति प्राप्त नहीं है।

तीसरा, क्या परमाणु-दूषित पानी "शुद्धिकरण उपकरण" वास्तव में प्रभावी है? पूर्व जापानी उप प्रधानमंत्री तारो एसो ने एक बार दावा किया था कि बहु-न्यूक्लाइड उपचार प्रणाली (एएलपीएस) द्वारा शुद्ध किए जाने के बाद परमाणु-दूषित पानी "पीने योग्य" है। लेकिन, कई अध्ययनों से यह पता चला है कि फुकुशिमा परमाणु-दूषित पानी में कम से कम 60 प्रकार के रेडियोन्यूक्लाइड होते हैं, और इसकी सघनता बहुत अधिक होती है, जिसे वर्तमान तकनीक द्वारा पूरी तरह से फ़िल्टर और विघटित नहीं किया जा सकता है।   

चौथा, जापानी पक्ष ने पर्यावरण पर परमाणु दूषित पानी को छोड़ने के प्रभाव का वैज्ञानिक मूल्यांकन क्यों नहीं किया है? अंतर्राष्ट्रीय शोध से पता चलता है कि परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने के 10 साल बाद, प्रासंगिक रेडियोन्यूक्लाइड्स वैश्विक महासागरों में फैल जाएंगे। जबकि फुकुशिमा परमाणु प्रदूषित पानी को छोड़ने में 30 वर्ष तक का समय लगेगा, जो वैश्विक समुद्री पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को अपूरणीय क्षति पहुंचायी जाएगी। जापान सरकार यह जानती है कि पानी हानिकारक है, फिर भी उसे समुद्र में बहा देती है—जापान की मंशा क्या है?

अंत में, इस योजना के बारे में जापानी पक्ष ने पड़ोसी देशों, प्रशांत द्वीप देशों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ पूरी तरह से परामर्श क्यों नहीं किया? इतना ही नहीं, आईएईए के आधिकारिक निष्कर्ष जारी होने से पहले, जापान क्यों आगे बढ़ रहा था। पहले जापान सरकार ने कहा था, "निरीक्षण के परिणाम समुद्री निर्वहन योजना को प्रभावित नहीं करेंगे।" जापान ने अंतरराष्ट्रीय संगठन और पड़ोसी देशों की चिंताओं की पूरी तरह से अवहेलना की है।

"हमें एक और बड़ी परमाणु प्रदूषण आपदा को रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।" पैसिफिक आइलैंड्स फोरम के महासचिव हेनरी पुना ने हाल में जापान से समुद्री निर्वहन योजना को छोड़ने का जोरदार आग्रह किया। 12 साल पहले, फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना ने दुनिया को भारी नुकसान पहुंचाया था, अब जापान अल्पकालिक स्वार्थ के लिए सभी मानव जाति के सामान्य हितों को नुकसान पहुंचाने को तैयार है। जापानी पक्ष को ईमानदारी से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना चाहिए, पड़ोसी देशों और अन्य हितधारकों और प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ चर्चा कर आम सहमति तक पहुंचना चाहिए। इससे पहले बिना अनुमति के जापान को परमाणु प्रदूषित पानी को समुद्र में छोड़ना शुरू नहीं करना चाहिए।

   

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