चीन से अलग होने की सोच रखने वाले देशों को ही होगा नुकसान

2023-05-27 19:01:59

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के फोर्टेस्क्यू मेटल्स ग्रुप के फ्यूचर इंडस्ट्रीज के सीईओ मार्क हचिंसन ने सीएमजी के संवाददाता को इन्टरव्यू देते समय कहा कि हम चीनी कंपनियों के साथ सहयोग करना चाहते हैं, और अक्षय ऊर्जा उपकरणों का उत्पादन करना चाहते हैं। क्योंकि चीन की स्वचालित उत्पादन तकनीक आश्चर्यजनक है।

ऑस्ट्रेलिया की इस कंपनी की तरह हाल ही में चीन स्थित कई विदेशी वाणिज्य संघों द्वारा जारी रिपोर्ट्स से इस बात की पुष्टि हुई है। उदाहरण के लिये चीन-अमेरिका वाणिज्य संघ द्वारा आयोजित एक सर्वे के अनुसार चीन में स्थित 66 प्रतिशत अमेरिकी उद्यमों ने कहा कि आगामी दो सालों में वे चीन में ज्यादा पूंजी निवेश करेंगे। चीन-यूरोपीय संघ वाणिज्य संघ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 60 प्रतिशत उद्यमों ने कहा कि वे अगले पांच वर्षों में चीन में अपने शोध और विकास खर्च को "मध्यम रूप से बढ़ाएंगे" या "उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे"। उधर चीन- ऑस्ट्रेलियन वाणिज्य संघ द्वारा किये गये सर्वेक्षण के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां चीन को दुनिया के शीर्ष तीन निवेश स्थलों के रूप में मानती हैं।

ध्यानाकर्षक बात यह है कि इस वर्ष की जनवरी से अप्रैल तक चीन की विदेशी पूंजी का वास्तविक उपयोग लगभग 5 खरब युआन था, जिसमें गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। विदेशी कंपनियां निवेश के जरिए न सिर्फ दुकानें खोलती हैं या कारखाने बनाती हैं। बल्कि वे चीन में तेजी से अपने अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित कर रही हैं। ऐसा क्यों?क्योंकि चीन में बाजार की संभावनाएं, मुनाफा, नवोन्मेष का माहौल और नीति निरंतरता सभी बहुत आकर्षक हैं।

बताया जाता है कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रणाली है, जिसमें सबसे पूर्ण श्रेणियां और पूर्ण सहायक सुविधाएं हैं। यह विदेशी उद्यमों के लिए कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल और सहायक भागों को प्राप्त करने और लाभ बढ़ाने के लिए अनुकूल है। साथ ही चीन के मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण से उद्यमों की लागत में भी काफी बचत होती है। हाल के पाँच वर्षों में चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर वापसी की दर 9.1 प्रतिशत तक पहुंची, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।

वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था एकपक्षवाद और व्यापार संरक्षणवाद जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। कुछ देश चीन को दबाने के लिये "डिकपलिंग और ब्रेकिंग चेन" का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वास्तविकता से यह जाहिर हुआ है कि चीन से "डिकपलिंग" जोखिम भरा कदम है।

चंद्रिमा

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