तिब्बत में मानवाधिकार कार्यों का हो रहा ज़ोरदार विकास- भारतीय जानकार
"2023 चीन के तिब्बत का विकास मंच" हाल ही में पेइचिंग में आयोजित हुआ। इस दौरान, चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता ने मंच में उपस्थित भारतीय विद्वान विकास कुमार सिंह के साथ एक विशेष साक्षात्कार किया।
पेइचिंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के एशिया कॉलेज में हिंदी विशेषज्ञ विकास कुमार सिंह कई सालों से चीन में रह रहे हैं। उनके विचार में तिब्बती भाषा और पात्र, प्राचीन अवशेष व पुस्तकों, लोक रीति-रिवाज और धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता को पूरी तरह से संरक्षित किया गया है। हाल के वर्षों में तिब्बत की स्थानीय सरकार ने जापान, फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना आदि कई देशों में तिब्बती सांस्कृतिक अवशेषों की प्रदर्शनी आयोजित की। तिब्बती पंचांग के नव वर्ष, सागादावा उत्सव, वांगक्वो त्योहार, श्वेतुन महोत्सव आदि पारंपरिक त्योहारों के दौरान लाखों तिब्बती लोग मंदिर जाकर धार्मिक गतिविधियां करते हैं, स्थानीय लोगों के धार्मिक विश्वास और रीति-रिवाज़ का सम्मान और संरक्षण किया जाता है, और तिब्बत में मानवाधिकार कार्य निरंतर विकास और प्रगति कर रहा है।
विकास ने कहा कि चीन तिब्बती संस्कृति और कला की विरासत और विकास को बहुत महत्व देता है, और तिब्बत की विशाल भूमि पर संगीत, नृत्य, लोक कथाओं, कहावतों और लोक-गीतों को एकत्र करने का कार्य करता है। तिब्बत की स्थानीय सरकार के मजबूत समर्थन से कई लोक गीत, लोक कथाएं, लोक कहावतें, तिब्बती गीत, तिब्बती ओपेरा और तिब्बती संगीत संकलन आदि प्रकाशित हुए हैं। उदाहरण के लिए, सुप्रसिद्ध तिब्बती वीर महाकाव्य "राजा गेसार की जीवनी" को देश द्वारा एक प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजना के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। पिछले 20 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद तिब्बती में लगभग 300 खंड, हस्तलिखित या वुडब्लॉक मुद्रित एकत्र किए गए, और बाद में 70 से अधिक खंड प्रकाशित किए गए थे। इन कदमों से इस लुप्तप्राय वीर महाकाव्य की रक्षा की गई और इसे आगे बढ़ाया गया।
विकास ने यह भी कहा कि चीन तिब्बत में शिक्षा के विकास को भी बहुत महत्व दे रहा है। शिक्षा न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक बेहतर जीवन प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करती है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे द्विभाषी हैं, इस प्रक्रिया में तिब्बती भाषा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लोग देश के विभिन्न प्रांतों में बिना किसी समस्या के रह सकते हैं, और काम कर सकते हैं, क्योंकि वे सभी भाषाएं बोल सकते हैं।
बातचीत में विकास ने कहा कि मौजूदा तिब्बत विकास मंच के आयोजन के पूर्व, सौभाग्य से उन्हें तिब्बत का दौरा करने का मौका मिला, इस दौरान उन्होंने राजधानी ल्हासा और न्यिंगची शहर की यात्रा की, और वास्तव में तिब्बत के विकास को महसूस किया। उन्होंने कहा कि ल्हासा और चीन के भीतरी इलाकों के बड़े शहरों में कोई अंतर नहीं है, जो बहुत जीवंत और समृद्ध है। जिस होटल में वह रुके थे, उसके गेट पर बड़ी मात्रा में कूरियर के पैकेज आते-जाते हैं, जो ई-कॉमर्स की समृद्धि और तिब्बती लोगों के उच्च गुणवत्ता वाले जीवन को दर्शाती है।
(श्याओ थांग)