अमेरिकी शतरंज की बिसात का एक मोहरा थाईवान

2023-05-24 10:50:35

हाल में 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने कुछ देशों के एजेंडे में "थाईवान को एक पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने" के विषय को शामिल करने के तथाकथित प्रस्ताव से इनकार कर दिया। अब तक अमेरिका को "थाईवान का समर्थन करने और सभा में भाग लेने" के अपने प्रयास में सात बार हार का सामना करना पड़ा है। यह पूरी तरह से दर्शाता है कि एक-चीन सिद्धांत समय की प्रवृत्ति और लोगों की आकांक्षा है। 

हालांकि इस बार तथाकथित थाईवान से संबंधित प्रस्ताव बेलीज जैसे देशों द्वारा आगे रखा गया था, फिर भी वास्तव में अमेरिका मुख्य निदेशक है। दस दिन से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने एक बयान जारी कर डब्ल्यूएचओ को एक पर्यवेक्षक के रूप में सभा में भाग लेने के लिए थाईवान को आमंत्रित करने को प्रोत्साहित किया। कुछ दिन पहले तथाकथित "थाईवान में अमेरिकी संस्थान" ने थाईवान स्थित ब्रिटेन और कनाडा के संगठनों के साथ एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी की और सभा में भाग लेने के लिए थाईवान का समर्थन किया। नतीजतन, डब्ल्यूएचओ की सभा में बेतुके दृश्यों का बार-बार मंचन किया गया।

इसका परिणाम अमेरिकी पक्ष स्पष्ट जानता है। पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि तथाकथित थाईवान संबंधी प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय नियमों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र महासभा और डब्ल्यूएचओ द्वारा पुष्टि की गई एक-चीन सिद्धांत का उल्लंघन करता है। संयुक्त राष्ट्र महा सभा के न. 2758 प्रस्ताव और डब्ल्यूएचओ के न.25.1 प्रस्ताव के अनुसार, डब्ल्यूएचओ सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की गतिविधियों में थाईवान की भागीदारी को एक-चीन सिद्धांत के मुताबिक नियंत्रित किया जाना चाहिए। इस साल की सभा के उद्घाटन से पहले लगभग 140 देशों ने चीन से कहा कि वे एक-चीन सिद्धांत का पालन करते हैं और डब्ल्यूएचओ की सभा में थाईवान की भागीदारी का विरोध करते हैं।

साल दर साल अमेरिका के इस तमाशे को विफलताओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन इसे मंचित करने में परेशानी क्यों होती है? विश्लेषकों का मानना है कि यह अमेरिका के थाईवान से चीन को नियंत्रित करने की साजिशों में से एक है। अमेरिका ने थाईवान मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के प्रयास में पूरी कोशिश की। अमेरिका के लिए यह एक ठोस "व्यवसाय" है। थाईवान क्षेत्र हर साल अमेरिकी राजनेताओं को बड़ी मात्रा में वास्तविक धन "श्रद्धांजलि" देता है और स्वाभाविक रूप से "बदले में कुछ पाने" की उम्मीद करता है। इसलिए, वर्ष के इस समय "डब्ल्यूएचओ की सभा में भाग लेने के लिए थाईवान का समर्थन करना" अमेरिका में कुछ राजनयिकों के लिए एक नियमित कार्य बन गया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिणाम क्या है। आखिरकार, थाईवान हमेशा अमेरिकी शतरंज की बिसात पर सिर्फ एक मोहरा रहा है। अमेरिकी पक्ष और क्या प्रयास कर सकता है, उस के थाईवान का समर्थन करने का प्रदर्शन निश्चित ही विफल होगा। थाईवान के 2.3 करोड़ लोगों के लिए मजबूत मातृभूमि पर भरोसा करके ही उनके पास विकास के लिए अधिक जगह हो सकेगी, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उन्हें और अधिक आत्मविश्वास मिल सकेगा। 

रेडियो प्रोग्राम