भारत-चीन:समानताओं पर एक नज़र

2023-05-21 17:35:31

वैश्विक दृष्टि से जब हम विकासोन्मुख देशों की बात करते हैं तो चीन और भारत इन दो देशों के नाम सबसे पहले आते हैं। दोनों देश पड़ोसी होने के साथ-साथ कई और समानताएँ रखते हैं। एशिया की तेज़ी से उभरती ये दोनों अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक पटल पर भी अपनी अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। वैसे तो चीन पूरी दुनिया से अलग है, मगर चीन और भारत में कई समानताएं देखने को मिलती हैं। चीन और भारत दोनों एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं। दोनों में कई भिन्नताएं हैं, इतनी भिन्नताओं के बावजूद भी आप यह जानकर सोच में पड़ जाएंगे कि भारत और चीन के बीच कई चीजें एक जैसी हैं। भौगोलिक क्षेत्र में जुड़े होने कारण भारत और चीन के बीच लोगों का आना जाना काफी पहले से रहा, जिस कारण रहन-सहन हो या कल्चर दोनों ही देशों में आते जाते रहे। आइए जानते हैं कि अलग अलग सभ्यता और संस्कृति वाले इन देशों में क्या समानताएँ हैं-

दोनों देशों की आजादी का समय लगभग एक-

चीन जो आज सुपर पावर बनने के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ रहा है, वो कभी गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था और भारत के साथ ही आजाद हुआ था। जिस तरह भारत सालों से ब्रिटिश हुकूमत का गुलाम था, उसी तरह चीन भी जापान का गुलाम हुआ करता था। साल 1947 में भारत को आजादी मिली, वहीं साल 1949 में 1 अक्टूबर के दिन चीन भी आजाद हो गया। भारत और चीन ने आजादी का सफर लगभग साथ ही शुरू किया था, मगर चीन ने बड़ी तेजी से देश के विकास के प्रति काम करना शुरू कर दिया था, और आज सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में खुद को स्थापित करने जा रहा है।

योग के प्रति दोनों देशों का लगाव -

निसंदेह भारत ने दुनिया को योग की विद्या से परिचित कराया है लेकिन योग के प्रति चीन का विशेष लगाव जगजाहिर है। ये कहना गलत नहीं होगा कि योगाभ्यास करने वाले लोग भारत से ज्यादा चीन में हैं। यही कारण है कि योग की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले अधिकांश युवा कार्यक्षेत्र के रूप में चीन को चुनते हैं।

दोनों ही देशों में फैला हुआ है बौद्ध धर्म –

बौद्ध धर्म प्राचीन भारत के पूर्वी भाग में उत्पन्न हुआ,ऐसा माना जाता है कि भारत के बोधगया से बौद्ध धर्म की शुरुआत हुई और आज यह सबसे पुराने धर्मों में से एक है। यह धर्म मध्य, पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में और भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरपूर्वी क्षेत्र तक फैला है।

 इसके बाद धीरे-धीरे यह धर्म दुनिया अलग-अलग हिस्सों में पहुंचा। चीन देश भी उन्हीं देशों में से एक था। आज चीन में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या काफी ज्यादा है। भारत और चीन इन दोनों देशों में बौद्ध धर्म से जुड़े कई स्थल और प्रतिमाएं देखने को मिल जाती हैं।

दोनों ही देशों में पाई जाती हैं ऐतिहासिक सभ्यताएं-

भारत और चीन दोनों ही देश अपनी ऐतिहासिक सभ्यताओं के लिए भी जाने जाते हैं। भारत देश जहां अपने हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की प्राचीन सभ्यता देखने को मिलती हैं, तो वही चीन ने कई प्रसिद्ध सभ्यताओं की शुरुआत की। प्राचीन चीन और प्राचीन भारत दोनों धर्म को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं । चीन के मुख्य धर्म कन्फ्यूशीवाद, ताओवाद और कानूनीवाद थे। भारत में केंद्रीय धर्म हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म थे। प्राचीन चीन और भारत दोनों में धार्मिक शिक्षक थे जिन्होंने इन प्रचलित धर्मों का आविष्कार किया।

जनसंख्या-

भारत अब दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023’ के अनुसार, भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन यानी 142.86 करोड़ हो गई है, वहीं चीन की जनसंख्या 1,425.7 मिलियन यानी 142.57 करोड़ है। दोनों देशों की आबादी में सिर्फ 29 लाख का अंतर है।

भारत और चीन को यह समझना होगा कि आने वाला वक्त एशिया का ही होगा। एक आंकड़े के मुताबिक, आने वाले समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एशिया की हिस्सेदारी लगभग 50% होने के आसार हैं। ऐसे में, इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का तनाव और आपसी वैमनस्य विकास और वृद्धि को नुकसान ही पहुँचाएगा। इस हालत को बेहतर बनाने में इस क्षेत्र के सबसे बड़े ताकतों भारत और चीन को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इन दो देशों के बीच संबंध इतने विशाल हो गए हैं कि उसने वैश्विक आयाम हासिल कर लिए हैं।

 

(दिव्या पाण्डेय)

 

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