चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित
2023-05-17 10:15:32
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चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

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चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

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चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

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चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

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चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

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चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

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चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)

चीन में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित

चीन के महल संग्रहालय और पाकिस्तान के राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक एजेंसी के अधीनस्थ पुरातत्व और संग्रहालय ब्यूरो ने हाल में पेइचिंग महल संग्रहालय में गांधार कला प्रदर्शनी आयोजित की। पाकिस्तान के 173 और चीन के 30 समेत कुल 203 सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए, जो अब तक चीन में आयोजित सबसे बड़ी गांधार कला प्रदर्शनी है। चीन और पाकिस्तान रेशम मार्ग पर स्थित प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार 400 से 630 ईंसवीं के दौरान प्राचीन चीनी बौद्ध भिक्षु क्रमशः उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर घाटी पहुंचे थे और गांधार की भौतिक संस्कृति का अभिलेख छोड़ा था। (ललिता)