कौन अंतरराष्ट्रीय नियम तोड़ रहा है?

2023-05-13 16:38:26

जापान के कुछ मीडिया ने हाल ही में रिपोर्ट की कि जापान में होने वाली जी7 शिखर बैठक चीन से तथाकथित अंतरराष्ट्रीय नियम का पालन करने की मांग करेगी ।ऐसा कथन उलझन पैदा करता है ।उन्होंने जो अंतरराष्ट्रीय नियम की चर्चा की ,वह क्या नियम है ?सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय नियम के पालन में खराब प्रदर्शन करने वाले अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को चीन पर आरोप लगाने की क्या पात्रता है ?

जब अंतरराष्ट्रीय नियम की चर्चा होती है ,तो विश्व में सिर्फ एक सेट नियम है यानी यूएन चार्टर के उद्देश्यों व सिद्धांतों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनीयादी मापदंड ।अमेरिका समेत पश्चिमी देश अकसर नियम पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कहते हैं ।पर ऐसा कथन स्पष्ट नहीं है ।यूएन चार्टर में ऐसा कथन मौजूद नहीं है ।यूएन महासभा और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में ऐसा कथन भी नहीं दिखता है ।चीनी प्रतिनिधि ने यूएन परिषद में पूछा था कि तथाकथित नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था वाकई क्या चीज है ।किस ने इन नियमों को बनाया और इन नियमों तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बीच क्या नाता है ।

सिलसिलेवार सवालों के समक्ष अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने अब तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया ।कुछ विश्लेषकों के विचार में उन्होंने जानबूझ कर इस कंसेप्ट को गोलमोल बनाया ताकि मनमानी से उसे समझाया जा सके ।ऐसे नियम वास्तव में जी7 देशों द्वारा दूसरे देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने और गुट मुकाबला छेड़ने का बहाना है ।ऐसे नियम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बिना अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के हितों की सेवा करते हैं ।तथाकथित नियम पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के झंडे के तहत अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने उड्डंदतापूर्वक सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ कर खराब रिकार्ड छोड़े हैं ।ध्यान रहें महज 21वीं सदी में अमेरिका ने अफगानिस्तान युद्ध ,इराक युद्ध और सीरियाई गृह युद्ध छेड़े ,जिन से 2 करोड़ 70 लाख शरणार्थी पैदा हुए और असंख्य लोग हताहत हुए ।

वैश्विक मामलों का व्यापक तौर पर सलाह मशविरे से निपटारा किया जाता है ।सिर्फ पश्चिमी देशों के फैसले से काम नहीं चलेगा ।(वेइतुंग)

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