उच्च गुणवत्ता वाले विकास करते चीन में आधुनिक रेलवे और तकनीक का व्यापक योगदान

2023-05-12 08:52:58

पिछले कई दशकों में चीन द्वारा किए गए तेज़ विकास में आधुनिक तकनीक का भी बड़ा योगदान रहा है। चीन लगातार तकनीक को एक प्रमुख साधन के रूप में इस्तेमाल करता रहा है। इसमें रेलवे की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। जाहिर है सामान्य गति की ट्रेनों से चीन हाई स्पीड व अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेनों के युग में प्रवेश कर चुका है। जबकि चीनी तकनीक अन्य देशों में भी इस्तेमाल की जाने लगी है।

इस बीच हाल में चीनी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने मैग्लेव यानी अत्यधिक तेज़ गति वाली ट्रेन का परीक्षण पूरा करने में सफलता पाई है। आधुनिक टैक्नोलॉजी की यह ट्रेन 1 हज़ार किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से चलने में सक्षम होगी। इतना ही नहीं चीन अब खुद बड़े यात्री विमान भी बनाने लगा है, विशेषज्ञ इसे एक तरह से पश्चिमी प्रभुत्व को चुनौती भी मान रहे हैं। क्योंकि अभी तक बोइंग और एयरबस ही यात्री विमानों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहे हैं। ऐसे में चीन द्वारा तकनीक को अपनाया जाना अन्य देशों के लिए भी मददगार साबित हो सकता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि कुछ दशक पहले तक चीन में सामान्य गति की रेलगाड़ियां चलती थीं। लेकिन इसके बाद चीन ने आधुनिक तकनीक के सहारे कायाकल्प कर दिया। आज दुनिया में चीन के हाई स्पीड रेलवे व विकास की चर्चा होती है। लगभग डेढ़ दशक पहले तक चीन में कुछ जगहों पर 200 किमी. प्रति घंटे की गति वाली ट्रेन चलना शुरू हुई। इसे चीन में हाई स्पीड रेलवे का युग कहा जाता है, क्योंकि इसके पश्चात चीन ने लगातार गति बढ़ाने पर ध्यान दिया। सिर्फ गति ही नहीं सुरक्षा के मामले में चीनी रेलवे का शानदार रिकार्ड रहा है। चीन ने गति और रेल नेटवर्क के मामले में कई देशों को पीछे छोड़ दिया है।

आज चीन में दुनिया का सबसे बड़ा हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क है, जिसकी लंबाई 40 हज़ार किमी. से ज्यादा है। इस बीच चीन ने इस साल अप्रैल महीने में मैग्लेव ट्रेन का सफल परीक्षण किया। यह चीन में पहला परीक्षण था, क्योंकि इसमें ट्रेन की अधिकतम गति एक हज़ार किमी. प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। अगर ऐसी ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया तो राजधानी पेइचिंग से शांगहाई पहुंचने में एक घंटे से कुछ ज्यादा समय लगेगा, जो किसी क्रांतिकारी चमत्कार से कम नहीं होगा।

एक तरह से राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन ने आधुनिक तकनीक के सहारे भी गरीबी खत्म करने का काम किया है। पिछले कुछ वर्षों में ही 8 करोड़ लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकाला जा चुका है। जाहिर है चीन तकनीक का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर रहा है, जिसका लाभ सभी को मिल रहा है। इस दौरान चीन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर भी काफी ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे भारत व ब्राज़ील जैसे विकासशील देश भी सीख ले सकते हैं।

(अनिल पांडेय)

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