पाकिस्तान में कासिम पावर स्टेशन के युवा निर्माता सोंग रेई की कहानी

2023-04-30 18:36:59

बेल्ट एंड रोड पहल पेश करने के बाद दस वर्षों में न सिर्फ़ इससे जुड़े देशों की जनता को लाभ मिल रहा है, बल्कि विश्व को एक साथ समृद्धि प्राप्त करने और मानव साझा भाग्य वाले समुदाय का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। इस दौरान चीनी पूंजी वाली संस्थाओं के तमाम युवा विदेशों में मेहनत से काम कर रहे हैं, और बेल्ट एंड रोड के निर्माण के लिये अपना योगदान दे रहे हैं। सोंग रेई उनमें से एक हैं।

हालांकि सोंग रेई 90 के दशक के बाद जन्मे एक युवा हैं, पर वे कासिम पावर स्टेशन के इस्लामाबाद कार्यालय के उप निदेशक बने। वे आम तौर पर पावर स्टेशन के बिजली मूल्य सत्यापन, आयात कर छूट, कॉर्पोरेट प्रशासन, शेयरधारक सहयोग, रणनीतिक परिवर्तन और बाहरी समन्वय के लिए जिम्मेदार हैं।

गौरतलब है कि कासिम पावर स्टेशन चीन-पाक आर्थिक कॉरिडोर में शामिल एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस स्टेशन की स्थापना से पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद, कराची और लाहौर जैसे बड़े शहरों में दिन में कई बार, कभी-कभी एक दिन में 10 घंटे से अधिक बिजली कटौती होती थी। पर वर्ष 2018 से कासिम पावर स्टेशन का निर्माण कर प्रयोग करने के बाद इसने 40 लाख पाकिस्तानी घरों की बिजली खपत का समर्थन करते हुए 40 अरब किलोवाट-घंटे से अधिक का उत्पादन किया है।

सोंग रेई के अनुसार कासिम पावर स्टेशन के निर्माण और संचालन के दौरान चार हजार से अधिक स्थानीय कुशल श्रमिकों को प्रशिक्षित किया गया है। इस कार्यक्रम ने पाकिस्तान के लिये बड़ी संख्या में पेशेवर और तकनीकी कर्मियों का प्रशिक्षण दिया, और बाद में पाकिस्तान के कई बिजली संयंत्रों के उत्पादन और संचालन के लिये बड़ा समर्थन दिया है। उनके अलावा कार्यक्रम ने 100 पाकिस्तानी कॉलेज छात्रों को चीन के उन्नत बिजली संयंत्रों में 6 महीने का अध्ययन और प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की। अब उनमें से अधिकांश लोग कासिम पावर स्टेशन के उत्पादन रीढ़ और तकनीकी प्रबंधन कर्मी बन गए हैं।

चंद्रिमा

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