धरती माता की पुकार का उत्तर दें

2023-04-19 16:08:53

हर साल पूरी दुनिया 47 लाख हेक्टेयर जंगल खो देती है, इस का क्षेत्रफल डेनमार्क की पूरी भूमि क्षेत्र से ज्यादा है। यह अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान में लगभग 10 लाख पशु और पौधों की प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।

धरती माता अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई करने का स्पष्ट रूप से आग्रह कर रही है। प्रकृति पीड़ित  है। महासागर प्लास्टिक से भरे हुए हैं और तेजी से अम्लीय हो रहे हैं। अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग, बाढ़ और तूफान आदि से दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित किया जाता है।

जलवायु परिवर्तन, प्रकृति को बदला जाने वाले मानव व्यवहार और वनों की कटाई, भूमि उपयोग परिवर्तन, तीव्र कृषि व पशुधन उत्पादन और वन्यजीवों में बढ़ता अवैध व्यापार आदि विभिन्न ये "अपराध" ग्रह के विनाश को गति देते हैं, जो जैव विविधता को नष्ट करते हैं।

पारिस्थितिक तंत्र पृथ्वी पर सभी जीवन का समर्थन करते हैं। सांस लेने के लिए हवा और पेय जल से खाद्य उगाने के लिए मिट्टी तक मानव स्वास्थ्य धरती माता के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने से गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन से निपटने और बड़े पैमाने पर विलुप्त होने को रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन यह मिशन तभी सफल होगा, जब सभी लोग इसमें शामिल करेंगे।

वर्ष 2009 संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक 22 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस के रूप में नामित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। वास्तव में, इसकी वास्तविक उत्पत्ति 1970 के दशक में हुई थी। वर्ष 1970 इसी दिन पृथ्वी दिवस के रूप में भी स्थापित हुई। वर्ष 1972 में, स्टॉकहोम में आयोजित मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र का पहला सम्मेलन इसका संकेत है कि दुनिया ने मानव, अन्य जैविक प्रजातियों और ग्रह की पारस्परिक निर्भरता की मान्यता की। पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ रही है और पर्यावरण आंदोलन पूरे विश्व में फैल गया है। विशेष रूप से 1990 के दशक में 140 से अधिक देश विभिन्न पर्यावरण मंचों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए।

वनीकरण, वन्य जीवन संरक्षण और नई ऊर्जा विकास व उपयोग आदि वैश्विक पारिस्थितिक पर्यावरण को बेहतर बनाने में चीन ने हमेशा एक अनिवार्य भूमिका निभाई है। हाल के वर्षों में, चीन ने पहाड़ों, नदियों, जंगलों, खेतों, झीलों, घास, रेत और बर्फ भूमि के एकीकृत संरक्षण व व्यवस्थित शासन के समन्वित बढाने को तेज किया है। पिछले दस वर्षों में, देश भर के प्रमुख शहरों में पीएम 2.5 की औसत सांद्रता में 56 प्रतिशत की कमी आई है और भारी प्रदूषण वाले दिनों की संख्या में 87 प्रतिशत की कमी आई है। चीन दुनिया में वायु गुणवत्ता में सबसे तेज़ सुधार वाला देश बना है। चीन में अच्छे जल निकायों के अनुपात में 23.3 प्रतिशत की वृद्धि होकर 84.9 प्रतिशत तक पहुंचा है, जबकि शहरी काले और गंधयुक्त जल निकायों को मूल रूप से समाप्त कर दिया गया है। जनता के लिए पीने के पानी की सुरक्षा की प्रभावी रूप से गारंटी दी गई है। चीन के कार्बन उत्सर्जन में 35 प्रतिशत से अधिक की कटौती की गई है। चीन के मिट्टी के पर्यावरण की गुणवत्ता में मूलभूत सुधार हुए हैं। चीन में 80 हजार स्टेशनों को कवर करने वाला एक राष्ट्रीय मृदा पर्यावरण निगरानी नेटवर्क स्थापित है। दुनिया में चीन न केवल नई ऊर्जा विकास क्षेत्र में पहले स्थान पर है, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा विकास और उपयोग पैमाना पहले स्थान पर है। इससे चीन ने वैश्विक अक्षय ऊर्जा का तेजी से और जोरदार विकास को संचालित किया है। चीन में प्लास्टिक उत्पादों की रीसाइक्लिंग दर लगभग 30 प्रतिशत है, जो अनेक विकसित देशों की तुलना में अधिक है। वर्ष 2008 के बाद से, चीन में प्रमुख खुदरा दुकानों में प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग की औसत वार्षिक कमी 2 लाख टन पहुंची है। चीन का वन क्षेत्रफल 7.1 प्रतिशत बढ़कर 22.7 करोड हेक्टेयर हो गया है। दुनिया में नए हरित क्षेत्र का लगभग एक चौथाई चीन से आता है। यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन का सक्रिय रूप से जवाब देने में एक प्रमुख देश के रूप में चीन की जिम्मेदारी को प्रदर्शित करता है। वैश्विक पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण और हरित बहाली को बढ़ाने के लिए चीन ने नई प्रेरणा दी है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस और पृथ्वी दिवस आ रहे हैं। दुनिया भर के देशों को इसे पहले से कहीं अधिक गहराई से समझना चाहिए, जो मानव व ग्रह को लाभ पहुंचाने वाली और से ज्यादा सतत अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता है। मनुष्य, प्रकृति और पृथ्वी के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करें।  

(हैया)

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