जी7 के संयुक्त बयान पर चीन ने जतायी कड़ी आपत्ति

2023-04-18 16:44:53

18 अप्रैल को चीनी विदेश मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में किसी संवाददाता ने यह सवाल पूछा कि रिपोर्ट के अनुसार जी7 ने जापान में आयोजित विदेश मंत्रियों की बैठक में एक संयुक्त बयान जारी किया। जिसमें थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व की एक बार फिर पुष्टि की गयी, और पूर्वी चीन सागर, दक्षिण चीन सागर, शिनच्यांग और तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर चिंता जतायी गयी। इस पर चीन की क्या टिप्पणी है?

 चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने कहा कि जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन के रुख और वस्तुनिष्ठ तथ्यों की अनदेखी की गई, चीन के आंतरिक मामलों में व्यापक रूप से हस्तक्षेप किया गया, चीन को बदनाम किया गया। प्रासंगिक बयान चीन विरोधी और नियंत्रण के भयावह इरादों से भरा है। चीन ने इस पर कड़ा असंतोष और विरोध जताया है और बैठक के मेजबान देश जापान के सामने गंभीरता से इस मामले को उठाया है।

   वांग वनपिन ने कहा कि थाईवान चीन की प्रादेशिक भूमि का एक पवित्र और अविभाज्य हिस्सा है, थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक-चीन सिद्धांत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। थाईवान जलडमरूमध्य में वास्तव में शांति बनाए रखने के लिए, हमें " थाईवान स्वतंत्रता" वाली किसी भी शक्ति की हरकत का स्पष्ट रूप से विरोध करना चाहिए और उन्हें रोकना चाहिए। हांगकांग, शिनच्यांग और तिब्बत के मामले विशुद्ध रूप से चीन के आंतरिक मामले हैं और किसी भी बाहरी ताकत को इसमें किसी भी नाम से या किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हम एक बार फिर जी7 से आग्रह करते हैं कि वह अपनी समस्याओं पर विचार करे, अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करे, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में टकराव और विभाजन पैदा करने की कोशिश न करे।

(वनिता)

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