पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध के दो सबसे बड़े विकासशील देश फिर से मिला रहे हैं हाथ

2023-04-12 14:24:58

चीन और ब्राजील एक-दूसरे से लगभग 18,800 किमी. दूर हैं, और वे पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध में दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं। जैसा कि ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ लूला दा सिल्वा 12 अप्रैल को चीन की अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। ऐसे में महासागरों द्वारा अलग की गई दो उभरती शक्तियां फिर से हाथ मिलाएंगी।

राष्ट्रपति लूला चीन के एक पुराने मित्र हैं। राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल (2003-2010) के दौरान, उन्होंने चीन की दो राजकीय यात्राएं की थीं। उनके कार्यकाल के दौरान, चीन-ब्राज़ील संबंधों का बड़ा विकास हुआ। 2009 में चीन ब्राज़ील का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना और लगातार 14 वर्षों तक इस स्थिति को बनाए रखा है। ब्राजील पहला लैटिन अमेरिकी देश है जिसका चीन के साथ व्यापार 1 खरब अमेरिकी डॉलर से अधिक पहुंच गया है। 

इस साल जनवरी में 77 वर्षीय लूला ब्राजील के राष्ट्रपति बने। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उन्हें बधाई दी और जोर देते हुए कहा कि चीन और ब्राजील प्रमुख विकासशील देश हैं और वैश्विक प्रभाव वाले महत्वपूर्ण उभरते बाजार वाले देश हैं। वे एक-दूसरे के व्यापक रणनीतिक साझेदार हैं, जिनके व्यापक समान हित और सामान्य विकास जिम्मेदारियां हैं।

आर्थिक मुद्दा लूला की यात्रा का प्रमुख केंद्र है। वर्तमान में ब्राजील महामारी के बाद की आर्थिक बहाली के महत्वपूर्ण कार्य का सामना कर रहा है। जबकि चीन उच्च गुणवत्ता वाले विकास और उच्च स्तर के खुलेपन को बढ़ावा दे रहा है और ब्राजील सहित दुनिया के सभी देशों के लिए साझी जीत के अवसर प्रदान करेगा।

दोनों देशों के उच्च-स्तरीय अधिकारियों की प्रेरणा के तहत, चीन और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय सहयोग दिन-ब-दिन गहरा हो रहा है और दोनों देशों के लोगों के बीच की दूरी भी लगातार कम हुई है। फुटबॉल, सांबा और बारबेक्यू के अलावा, आज के चीनी लोग, विशेष रूप से युवा लोग ब्राजील के बारे में अधिक जानते हैं। वहीं, चीन के बारे में ब्राजीलियाई लोगों की समझ लम्बी दीवार और कुंग फू तक ही सीमित नहीं है। उदाहरण के लिए, ब्राजील में चीनी दवा बहुत लोकप्रिय है। वर्तमान में, ब्राजील में 1 लाख से अधिक आधिकारिक चीनी दवा और एक्यूपंक्चर चिकित्सक हैं। "मेड इन चाइना" अधिक से अधिक ब्राजील के लोगों को लाभान्वित कर रहा है। 

गौरतलब है कि चीन-ब्राजिल सहयोग के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग एक और महत्वपूर्ण समर्थन है। यह सहयोग 1980 के दशक में शुरू हुआ था। इस के तहत, चीन-ब्राजील पृथ्वी संसाधन उपग्रह, नैनो तकनीक अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जलवायु और ऊर्जा केंद्र जैसे कई वैज्ञानिक शोध उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उनमें से, चीन-ब्राजील पृथ्वी संसाधन उपग्रह परियोजना को "दक्षिण-दक्षिण सहयोग का मॉडल" कहा जाता है, जिसने विकसित देशों के प्रौद्योगिकी एकाधिकार को तोड़ने में शानदार कार्य किया है। 

जटिल और हमेशा बदलती अंतरराष्ट्रीय स्थिति का सामना करते हुए, चीन और ब्राजील, विकासशील देशों के रूप में, आधिपत्य और सत्ता की राजनीति का विरोध करते हैं और वास्तविक बहुपक्षवाद का समर्थन करते हैं। संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, जी-20 और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय तंत्रों में दोनों ने घनिष्ठ सहयोग बनाए रखा है और विकासशील देशों की आवाज़ों को मजबूत किया है। चीन के लिए रवाना होने से पहले ब्राजीली राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने यूक्रेन संकट को लेकर बार-बार चीन की भूमिका और "शांति" शब्द का उल्लेख किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी को शांति के बारे में बात शुरू करनी होगी क्योंकि अमेरिका और यूरोप शांति के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। 

"चीनी लोगों के पुराने मित्र" आ गए हैं! बाहरी दुनिया लूला की चीन यात्रा पर पूरा ध्यान दे रही है, क्योंकि पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध में सबसे दो बड़े विकासशील देश के रूप में चीन और ब्राजील के संबंधों का विकास न केवल दोनों पक्षों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है। कहा जा सकता है कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के मार्गदर्शन में, चीन-ब्राजील सहयोग संबंध और मजबूत होंगे, और क्षेत्र व दुनिया की स्थिरता और समृद्धि में नया योगदान देंगे। 

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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