शी चिनफिंग और इमैनुएल मैक्रों संयुक्त रूप से संवाददाताओं से मिले

2023-04-06 19:21:00

6 अप्रैल को दोपहर बाद चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वार्ता के बाद संयुक्त रूप से संवाददाताओं से मिले।

इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों चीन में संपन्न हुए दो सत्रों के बाद मेरे द्वारा सत्कार किए जाने वाले पहले यूरोपीय देश के नेता हैं। हमने अभी-अभी मित्रवत और गहन बातचीत की और इस बात पर सहमति हासिल की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों और स्वतंत्र परंपराओं वाले प्रमुख देशों के रूप में चीन और फ्रांस को दोनों देशों के बीच स्थिरता, आपसी लाभ व खुलेपन वाले चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी की सामान्य दिशा का पालन करते हुए चीन-यूरोप संबंधों के लिए नया माहौल तैयार करना, वैश्विक चुनौतियों के निपटारे के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सहयोग में नया योगदान देना चाहिए। हम निम्न बातों पर जोर देने पर सहमत हुए हैं।

पहला, द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता बनाए रखेंगे। दोनों देशों के नेताओं के बीच घनिष्ठ संपर्क बनाए रखते हुए दोनों देश इस वर्ष के भीतर चीन और फ्रांस के बीच रणनीतिक, आर्थिक और वित्तीय, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर तीन उच्च-स्तरीय संवाद तंत्रों के नये दौर का सम्मेलन आयोजित करेंगे, और भौतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू करेंगे। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की संप्रभुता व प्रादेशिक अखंडता और एक-दूसरे के मूल हितों की सम्मान करने की बात दोहरायी।

दूसरा, आपसी लाभ और सामान्य विकास का पालन करेंगे। राष्ट्रपति मैक्रों और मैं सिलसिलेवार महत्वपूर्ण सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर के साक्षी बने। दोनों पक्ष एयरोस्पेस, असैन्य परमाणु ऊर्जा समेत पारंपरिक सहयोग को गहरा करते हुए हरित विकास और तकनीकी नवाचार जैसे नए सहयोग विकास क्षेत्रों का निर्माण करेंगे।

तीसरा, मानविकी व सांस्कृतिक आदान-प्रदान को व्यापक रूप से फिर से शुरू करेंगे। वर्ष 2024 में चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ होगी और चीन व फ्रांस के बीच संस्कृति और पर्यटन वर्ष भी होगा। दोनों पक्ष मौके का लाभ उठाकर संस्कृति, शिक्षा, भाषा, प्रकाशन, फिल्म और टेलीविजन, पर्यटन, और युवा समेत विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे।

चौथा, एक दूसरे का समर्थन करेंगे और वैश्विक शासन के सुधार को बढ़ावा देंगे। चीन और फ्रांस को दुनिया के बहु-ध्रुवीकरण और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण का समर्थन करना जारी रखना, शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकराव का विरोध करना, और विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए हाथ मिलाने चाहिए।

(मीनू)

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