स्वस्थ वन, स्वस्थ मानव जीवन

2023-03-17 15:55:57

जब लोग पानी पीते, एक नोट बुक में लिखते, ज्वरनाशक लेते या एक मकान बनाते हैं, तो जरूरी नहीं कि वे वनों के बारे में सोचें। लेकिन ये चीजें और लोगों के जीवन के अनेक अन्य पहलू किसी न किसी तरह से वनों से जुड़े हुए हैं।

वन और उनका सतत प्रबंधन व संसाधनों का तर्कसंगत उपयोग जलवायु परिवर्तन से लड़ने और मौजूदा व भावी पीढ़ियों की समृद्धि एवं कल्याण को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कुंजी हैं। वन गरीब उन्मूलन और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मानव के स्वास्थ्य के लिये वन बहुत ही उपयोगी और लाभकारी हैं। जल को साफ करने, हवा को शुद्ध करने और कार्बन पर कब्जा करने के माध्यम से, वन जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करते हैं, खाद्य व जीवन रक्षक दवाएं प्रदान करते हैं और लोगों की भलाई करते हैं।

शोध के अनुसार, वन औषधीय पौधों का उपयोग करने वाले मनुष्यों का इतिहास कम से कम 5000 साल पहुंचा है। औषधीय पौधों की प्रजातियों की कुल संख्या 50 हजार तक पहुंची है। दुनिया भर में बच्चों में दस्त के इलाज के लिये 1 अरब से अधिक लोग हर्बल उपचार और घरेलू उपचार का उपयोग करते हैं। चीन में 26 हजार से अधिक देशी पौधों में से लगभग 5 हजार पौधे औषधीय हैं यानी इन पौधों का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है, जिसका अनुपात लगभग 19 प्रतिशत है। अनेक अध्ययनों से साबित हुआ है कि वनों में गतिविधि करने से रक्तचाप, नाड़ी की दर और कोर्टिसोल के स्तर को कम किया जा सकता है। व्यापक शोध से पता चला है कि वन तनाव को कम करने और अधिक सकारात्मक भावनाओं व अनुभूति को पैदा करने में मदद कर सकते हैं। बच्चों के लिए, वन स्वस्थ मानसिक और सामाजिक कौशल के विकास में योगदान करते हैं।

वर्ष 2012 संयुक्त राष्ट्र महा सभा ने घोषणा की कि सभी प्रकारों के वनों के महत्व के बारे में जन जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 21 मार्च को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (International Day of Forests- IDF) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने सभी देशों को क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वनों और वृक्षों से संबंधित गतिविधियों का आयोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय "वन और स्वास्थ्य" है। 2023 अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस में वनों से लगातार मांगने के बजाय वनों को वापस देने को आह्वान किया जाता है। क्योंकि स्वस्थ वन स्वस्थ मानव को बनाते हैं।

पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, समाज और स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में वन पूरे दुनिया के लोगों को अमूल्य लाभ प्रदान करते हैं। फिर भी आग, कीट, सूखा और अभूतपूर्व कटाव दुनिया भर के वनों को नष्ट कर रही हैं।

निर्वनीकरण से हर साल दुनिया में 1 करोड़ हैक्टेयर के वनों (लगभग आइसलैंड के आकार के समान) का नुकसान होता है, जबकि हर साल लगभग 3.5 करोड़ हैक्टेयर वन कीटों द्वारा नष्ट हो जाते हैं।

मनुष्य के विकास के साथ-साथ, प्रारंभिक कृषि खेती से लेकर आधुनिक समय तक इमारती लकड़ियों और वन उत्पादों की खपत तेजी से बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर के वन क्षेत्रों के कुल क्षेत्रफल में तेजी से कमी आई है, वन की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आई है और वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ रहा है।

जनसंख्या में वृद्धि, स्थानीय पर्यावरणीय कारक, कृषि भूमि के विकास के लिए सरकार की नीतियां आदि अनेक कारकों से वन क्षेत्र के क्षेत्रफल में कमी प्रभावित होती है। इसके अलावा, वन की आग से होने वाले नुकसान बहुत गंभीर भी है। हालांकि, वन क्षेत्र के क्षेत्रफल में कमी का सबसे महत्वपूर्ण कारक लकड़ियों और वन उत्पादों का उत्पादन करने के लिए वनों की कटाई है। वन क्षेत्र तेजी से कम होने का एक अन्य महत्वपूर्ण कारक वनों की अवैध कटाई है।

उपभोग करने वाले देशों में लकड़ियों और वन उत्पादों की भारी खपत के कारण वैश्विक वन क्षेत्र में काफी कमी आई है। हर साल दुनिया भर में लगभग 1करोड़ हैक्टेयर के वन नष्ट हो जाते हैं। वैश्विक वन क्षेत्र में कमी एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या बनी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकसित देश लकड़ी उपभोक्ताओं का सबसे बड़ा समूह हैं। और कुछ विकासशील देशों में लकड़ियों की खपत भी धीरे-धीरे बढ़ रही है।

वनों का संरक्षण और सतत उपयोग पृथ्वी और मानव की रक्षा के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। स्वस्थ वन पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मानव आजीविका व पोषण से लेकर जैव विविधता व पर्यावरण तक, वनों की भूमिका सर्वव्यापी है। लेकिन उन्हें खतरा है। मानव और वनों के दीर्घकालिक सह-अस्तित्व के लिए, वैश्विक प्राथमिकता ये हैं कि पहला, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वन आवरण को बनाए रखना और बढ़ाना चाहिए। दूसरा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वन प्रकार्यों को बहाल और सुधारना चाहिए। तीसरा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वनों के विकास और उपयोग की भरपाई के लिए वृक्षारोपण को मजबूत करना चाहिए। चौथा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वन मूल निवासी लोगों और वन श्रमिकों के अधिकारों पर ध्यान देना चाहिए। वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस आ रहा है। इन बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए मिल कर काम करें।

(हैया)

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