इस्लामोफोबिया खत्म करे अमेरिका - चीनी प्रवक्ता
15 मार्च को इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने इसके बारे में खास गतिविधि आयोजित की और मुसलमानों के खिलाफ घृणा, भेदभाव और हिंसा का मुकाबला करने के लिए ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 15 मार्च को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान, इराक, लीबिया और सीरिया जैसे इस्लामिक देशों के खिलाफ युद्ध शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों हजारों मुसलमानों की मौत हुई और लाखों मुसलमान शरणार्थी बन गए। पिछले अमेरिकी प्रशासन ने "मुस्लिम विरोधी प्रतिबंध" जारी किया, जिससे अमेरिका दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बन गया जिसने विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को लक्षित करते हुए प्रतिबंध जारी किया। अमेरिका सरकार को इस्लामोफोबिया को खत्म करने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करनी चाहिए।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि लंबे समय से चीन और इस्लामिक देशों ने हमेशा आपसी सम्मान और विश्वास का पालन किया और एक दूसरे की मूल चिंताओं का समर्थन किया, एकजुटता और पारस्परिक सहायता पर डटे रहे और समान विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। भविष्य में चीन इस्लामिक देशों के साथ मिलकर सभ्यताओं के आदान-प्रदान और आपसी सीख मजबूत करते हुए सामान्य विकास और समान समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयास करेंगे।
वांग वनपिन ने यह भी कहा कि मध्य पूर्व दुनिया में ज्वलंत मुद्दों की उच्चतम एकाग्रता वाला क्षेत्र है। मध्य पूर्व के देशों के एक अच्छे दोस्त के रूप में, चीन का इस क्षेत्र में कोई स्वार्थ हित नहीं है। चीन हमेशा ज्वलंत मुद्दों के राजनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा विश्वसनीय मध्यस्थ रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में चीन के प्रचार के तहत सऊदी अरब और ईरान ने पेइचिंग में बातचीत की और राजनयिक संबंध बहाल करने पर सहमति जताई। इसके साथ ही, मध्य पूर्व मुद्दे पर चीन सरकार के विशेष दूत चाई च्युन फिलिस्तीन-इजराइल मुद्दे के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने में सक्रिय हैं।
(श्याओ थांग)