चीन ने जापान से प्राधिकरण के बिना परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की पहल नहीं करने का आग्रह किया

2023-03-10 18:29:42

 

हाल ही में सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी में परमाणु इंजीनियरिंग विभाग के एक मानद प्रोफेसर श्यू जुनयोल ने टीवी स्टेशन के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि जापान के फुकुशिमा में परमाणु-दूषित पानी की कुल मात्रा 13 लाख 50 हजार टन है, और इसे पूरी तरह से शुद्ध नहीं किया जा सकता है। प्रशांत महासागर पूरी दुनिया की साझी संपत्ति है। जापानी पक्ष बेहतर समाधानों की अनदेखी करता है और समुद्र में परमाणु दूषित पानी के निर्वहन को बढ़ावा देने पर जोर देता है। यह समुद्र पर आतंकवादी हमले के समान है, और प्रशांत महासागर अब और शांत नहीं रहेगा।

  इस पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 10 मार्च को जवाब देते हुए कहा कि हमने देखा है कि कई विशेषज्ञों और विद्वानों ने हाल ही में जापान की फुकुशिमा परमाणु-दूषित जल निर्वहन योजना की कड़ी आलोचना की है। अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार, जापान को पर्यावरण प्रदूषण से बचने और जोखिमों को कम करने के लिए उपाय करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। जापान के फुकुशिमा परमाणु-दूषित पानी का निपटान वैश्विक समुद्री पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित है, और यह जापानी पक्ष का निजी मामला नहीं है। चीन जापान से आग्रह करता है कि वह विभिन्न पक्षों की वैध चिंताओं का सामना करे, ईमानदारी से अपने दायित्वों को पूरा करे, और वैज्ञानिक, खुले, पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से परमाणु-दूषित पानी का निपटान करे।  

(वनिता)

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