म्याओ कशीदाकारी : "लोगों द्वारा पहनी गई इतिहास की किताब"

2023-02-01 15:24:08

म्याओ जाति के इतिहास में कोई लिखित भाषा नहीं है, इसलिए म्याओ कशीदाकारी यानी म्याओ जाति की कढ़ाई म्याओ जाति के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण वाहक बनी है। यह म्याओ महिलाओं की कड़ी मेहनत और ज्ञान का क्रिस्टलीकरण है, जिसे " लोगों द्वारा पहनी गई इतिहास की किताब (A History Book Worn by People)" के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2006 में चीनी राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची के पहले बैच में म्याओ कढ़ाई को शामिल किया गया। चीन के गुइजोउ प्रांत के हुआवू गांव में सभी आबादी में म्याओ जातीय लोगों का अनुपात 96.7 प्रतिशत है। इस गांव में लगभग सभी परिवार म्याओ कशीदाकारी में सक्षम हैं।

कपड़े को कागज की तरह, धागे को स्याही की तरह और सुई को कलम की तरह इस्तेमाल किया जाता है। म्याओ जातीय लोग शानदार तकनीकों का उपयोग करते हुए अपने कपड़े, स्कर्ट और सामान पर खूबसूरत परिदृश्य, पक्षी, कीड़े, मछली आदि पैटर्न बनाते हैं। ये म्याओ कशीदाकारी के शिल्प कौशल की सरलता को मिश्रित करते हैं और कालातीत व सुरुचिपूर्ण रेखाओं की रूपरेखा तैयार करते हैं, जो जातीय सुंदरता को कपड़े पर उकेरते हैं।

3 फरवरी, 2021  को गुइजोउ प्रांत के हुआवू गांव का अनुसंधान करने के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि म्याओ कशीदाकारी पारंपरिक और फैशनेबल है। यह संस्कृति व उद्योग दोनों है, जो न केवल जातीय संस्कृति व पारंपरिक संस्कृति को बढ़ा सकती है, बल्कि गरीबी उन्मूलन हासिल करने के लिए औद्योगीकरण भी कर सकती है। साथ ही म्याओ कशीदाकारी उद्योग ग्रामीण पुनरोद्धार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

हुआवू गांव का पुराना नाम हुआवूजी, जिसका मतलब चट्टान के नीचे गांव है। यह चट्टान के पीछे रखता था और तीन तरफ से नदियों का सामना करता था। बाहर जाने के लिए एकमात्र रास्ता "हाथ से उठाई गई चट्टान" था। पहले यातायात की असुविधा के कारण, अधिक स्थानीय म्याओ जातीय लोगों ने अपने पूरे जीवन में हुआवू गांव को कभी नहीं छोड़ा था। हुआवू गांव में म्याओ जातीय परिवारों के सिर पर गरीबी एक लेबल बनी थी। यहां गरीबी की घटना दर एक बार 63.6 प्रतिशत थी।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से लक्षित गरीबी उन्मूलन नीतियों की एक श्रृंखला द्वारा संचालित, हुआवू गांव ने छलांग लगाने वाले विकास का आरंभ किया। सड़क हर घर के दरवाजे तक जाती है। साथ ही, गरीबी उन्मूलन पुनर्वास से स्थानीय लोगों को पानी व बिजली के बिना, असुविधाजनक परिवहन और सरल आवास के पुराने वातावरण को विदाई देने की अनुमति दी गयी है।

स्थानीय अच्छे पारिस्थितिक वातावरण और सुंदर पहाड़ों व नदियों पर भरोसा करते हुए, हुआवू गांव ने जातीय संस्कृति की खुदाई के आधार पर ग्रामीण पर्यटन का विकास किया है। स्थानीय ग्रामीण अपने घरों के सामने विशिष्ट रोपण व प्रजनन, पर्यटन सेवा, बाटिक, म्याओ कशीदाकारी आदि उद्योगों में संलग्न हैं। इसीलिये इस गांव ने पूर्ण गरीबी उन्मूलन हासिल किया। अब हुआवू गांव में चिकनी व चौड़ी सड़कें, साफ-सुथरी व सुंदर इमारतें, तेजी से फलते-फूलते उद्योग और एक सुंदर वातावरण रखते हैं। ये सभी इस गांव में हुए अद्भुत परिवर्तनों की निशानी हैं।

चीनी पारंपरिक संस्कृति के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में, म्याओ कशीदाकारी ने लक्षित गरीबी उन्मूलन में बड़े पैमाने पर उद्योग का धीरे-धीरे गठन किया है। गुइजोउ प्रांत में, न केवल हुआवू गांव ने म्याओ कशीदाकारी गरीबी उन्मूलन कार्यशाला के माध्यम से पूर्ण गरीबी उन्मूलन हासिल किया, बल्कि लीशान काउंटी में गरीबी उन्मूलन कार्यशाला में, काम करने के लिए प्रशिक्षित लेने के बाद कढ़ाई करने वाले लोग अपने घर में म्याओ कशीदाकारी के ऑर्डर प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही सोंगथाओ काउंटी में 4,000 कशीदाकारी करने वाले लोगों ने अपने घर में व्यवसाय का आंरभ किया है। वर्तमान में म्याओ कशीदाकारी उत्पादों को दुनिया भर के 67 देशों और क्षेत्रों में बेचा जाता हैं और उंगलियों के कौशल को उंगलियों की अर्थव्यवस्था में बदला गया है।

अभी तक, म्याओ कशीदाकारी उद्योग ने गुइजोउ प्रांत में लगभग 5 लाख महिलाओं को रोजगार दिया है। इसके अलावा चीन के हुनान, युन्नान, छोंगछिंग और गुआंग्शी आदि प्रांतों के विकास में म्याओ कशीदाकारी भी एक अपूरणीय भूमिका निभाती है। पूरे चीन की प्रत्येक म्याओ स्वायत्त काउंटी में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत म्याओ कशीदाकारी के उत्तराधिकारी रहते हैं और जहां म्याओ कशीदाकारी प्रशिक्षण कक्षाएं स्थापित हैं। नये युग में म्याओ कशीदाकारी म्याओ जातीय लोगों के लिये गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

(हैया)

रेडियो प्रोग्राम