नाटो महासचिव ने चीन के खतरे के सिद्धांत को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कियाः चीनी विदेश मंत्रालय

2023-02-01 18:34:46


 

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 1 फरवरी को चीन के बारे में नाटो महासचिव की टिप्पणी के जवाब में कहा कि एशिया-प्रशांत भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का युद्धक्षेत्र नहीं है, और शीत युद्ध की मानसिकता और गुट टकराव का स्वागत नहीं किया जा सकता।

बता दें कि नाटो महासचिव ने अपनी जापान यात्रा के दौरान कहा कि नाटो को चीन की ओर से सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए एकजुट और दृढ़ रहना चाहिए।

इस बारे में माओ निंग ने कहा कि चीन ने नाटो से संबंधित मुद्दों पर कई बार अपनी स्थिति बताई है। एक ओर, नाटो का दावा है कि क्षेत्रीय रक्षात्मक गठबंधन के रूप में उसकी स्थिति नहीं बदली है। दूसरी ओर, वह अपने पारंपरिक रक्षा क्षेत्रों से लगातार टूट रहा है और चीन के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। उसके संबंधित आंदोलनों के प्रति क्षेत्रीय देशों को सतर्क रहना चाहिए।

उधर, ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स की रक्षा समिति "अमेरिका-ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी" (एयूकेयूएस) के विस्तार पर चर्चा कर रही है और जापान और भारत को शामिल करने की संभावना है। इस बारे में माओ निंग ने कहा कि किसी भी क्षेत्रीय तंत्र को शांति और विकास की प्रवृत्ति का पालन करना चाहिए, क्षेत्रीय देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाना चाहिए। और किसी भी तीसरे पक्ष के खिलाफ नहीं होना चाहिए या किसी भी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

माओ निंग ने जोर देकर कहा कि चीन अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से शीत युद्ध की मानसिकता और शून्य-जमा खेल को त्यागने, ईमानदारी से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल काम करने का आग्रह करता है।

(मीनू)

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