जातीय हस्तशिल्प से तिब्बत में ग्रामीण पुनरुद्धार को बढ़ावा मिला

2023-01-26 17:17:44

47 वर्षीय कासांग च्येनत्सान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के छांगतु शहर में कोंगच्य्वे काउंटी के श्यांगफी टाउनशिप में सांगचू रोंगयात्सोंग गांव के निवासी हैं, थांगखा चित्र बनाना उनका शौक है। घर में मुख्य तौर पर आय याक पालने और पहाड़ी जौ उगाने से आती है।

साल 2017 में गांव में थांगखा चित्र सहकारी समिति की स्थापना हुई, कासांग च्येनत्सान ने अवसर को पकड़ा। पशुपालन के अवकाश के समय वह थांगखा चित्र बनाते हैं और उन्हें रोज़ 150 युआन मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वह मेहनत से संबंधित कौशल सीखते हैं, अपने प्रयास से घर में समृद्ध जीवन प्राप्त करना कठिन नहीं है।   


कासांग च्येनत्सान के मुताबिक थांगखा चित्र सहकारी समिति सांगचू रोंगयात्सोंग गांव वासी शीराओ निमा द्वारा स्थापित की गयी है, वह तिब्बत में पहली श्रेणी वाले थांगखा चित्र कलाकार हैं। बताया गया है कि वर्तमान में इस सहकारी समिति में 25 कर्मचारी हैं, कर्मचारियों का अधिकतम दैनिक वेतन 200 युआन से अधिक है।

शीराओ निमा ने कहा कि सहकारी समिति ने देश भर के विभिन्न स्थानों में कई थांगखा चित्र प्रदर्शनियों का आयोजन किया, और वेबकास्टिंग आदि माध्यमों से थांगखा चित्रों की लोकप्रियता का विस्तार किया। वर्तमान में उनका थांगखा चित्र के ऑर्डर तीन या चार महीनों के लिए निर्धारित किया गया है।


देश के मजबूत समर्थन के साथ कोंगच्य्वे काउंटी ने साल 2017 में श्यांगफी टाउनशिप में एक जातीय हैंडीक्राफ्ट उद्भवन आधार स्थापित किया, जिसमें कुल 1 करोड़ से अधिक युआन का निवेश किया गया। वर्तमान में 13 सहकारी समितियों ने इस उद्भवन आधार में भाग लिया, जो थांगखा चित्र बनाना, और तिब्बती अगरबत्ती, तिब्बती औषधि व तिब्बती तंबू के उत्पादन और बिक्री आदि उद्योग से संबंधित हैं। इस उद्भवन आधार से आसपास के 130 से अधिक ग्रामीण लोगों को रोजगार मिला, और प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आय में 3 हज़ार से अधिक युआन की वृद्धि हुई।   

(श्याओ थांग)

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