पिछले साल चीन-इटली व्यापार में 5.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी
चीनी राजकीय कस्टम ब्यूरो द्वारा 13 जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में चीन और इटली के बीच व्यापार 77 अरब 88 करोड़ 40 लाख अमेरिकी डॉलर रहा, जो वर्ष 2021 की तुलना में 5.4 प्रतिशत अधिक है। इसमें चीन का निर्यात 50 अरब 90 करोड़ 80 लाख डॉलर रहा, जिसकी वृद्धि दर 16.8 फीसदी है। वहीं इटली से चीन का आयात 26 अरब 97 करोड़ 60 लाख डॉलर रहा, जो वर्ष 2021 से 11 प्रतिशत कम है।
इसके बारे में चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के यूरोपीय आर्थिक अनुसंधान कार्यालय की प्रमुख सुन येनहोंग ने कहा कि वर्ष 2022 में चीन और इटली के बीच व्यापार का नया रिकार्ड बना। इससे जाहिर है कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक हैं। दोनों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग लचीला रहता है।
सुन येनहोंग ने कहा कि रूस-यूक्रेन मुठभेड़ से दुनिया के विभिन्न देशों के उद्यमों के उत्पादन और संचालन की लागत पर प्रभाव पड़ा। वर्ष 2022 में चीन-यूरोप और चीन-इटली व्यापार में एक समान विशेषता सामने आई, यानी कि यूरोपीय संघ और इटली को चीन के निर्यात में बढ़ोतरी कायम रही, जबकि यूरोपीय संघ और इटली से चीन के आयात में स्पष्ट रूप से कमी आई।
सुन येनहोंग ने कहा कि रूस-यूक्रेन मुठभेड़ होने के बाद यूरोपीय संघ और रूस ने एक दूसरे पर प्रतिबंध लगाये। इसके प्रभाव में यूरोप ऊर्जा संकट में फंसा। ऊर्जा जैसे माल की कीमत बढ़ने की वजह से मुद्रास्फीति दर बढ़ी। वर्ष 2022 में इटली की मुद्रास्फीति दर 8.1 प्रतिशत रही, जो वर्ष 1985 के बाद सबसे ऊंची है। ऊर्जा की बढ़ती लागत और मुद्रास्फीति से यूरोपीय संघ और इटली के उद्यमों के उत्पादन और संचालन की लागत में बड़ा इजाफा हुआ और निर्यात प्रतिस्पर्धा कम रही। इस स्थिति में चीनी उद्यमों समेत खरीदारों ने और सस्ती वाले आपूर्तिकर्ताओं की खोज की। यह वर्ष 2022 में यूरोपीय संघ और इटली से चीन के आयात में कमी आने का मुख्य कारण है।
इसके बावजूद सुन येनहोंग चीन-इटली व्यापार के विकास के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि चीन और इटली की अर्थव्यवस्था एक दूसरे की पूरक हैं। चीन में महामारी-रोधी कदमों में सुधार आने के मद्देनजर यूरोप और इटली के सामने मौजूद ऊर्जा संकट शिथिल होने के बाद चीन और इटली के बीच व्यापारिक ढांचा धीरे से बहाल होगा।
(ललिता)