चीन में महामारी-रोधी नीति में सुधार के बारे में जानकारी
चीन ने 8 जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ वर्ग बी संक्रामक रोग के लिए वर्ग बी प्रबंधन उपायों को अपनाना शुरू किया। चीन ने व्यापक विश्लेषण के बाद महामारी-रोधी नीति में सुधार करने का फैसला किया।
वर्तमान स्थिति में वायरस की रोगजनकता काफी हद तक कम हो चुकी है। वहीं, चीन में 90 प्रतिशत से अधिक नागरिकों ने कोरोना टीके लगवाए हैं। गंभीर मरीजों के इलाज में चिकित्सा संसाधन पर्याप्त हैं। इसलिए चीन ने महामारी की रोकथाम और आर्थिक व सामाजिक विकास को संतुलित रूप से बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया।
महामारी के सामने दुनिया में कोई भी देश पूरी तरह तैयारी नहीं कर सकता। चिकित्सा संसाधन अपर्याप्त होने की स्थिति में चीन ने बुजुर्गों और बच्चों समेत उच्च जोखिम वाले समूह को इलाज में प्राथमिकता दी।
अमेरिका और यूरोप आदि देशों ने चीनी यात्रियों के खिलाफ अनिवार्य न्यूक्लिक एसिड टेस्ट करने का कदम उठाया। इसकी जरूरत नहीं है। चीन में महामारी की स्थिति दुनिया के अन्य देशों से बेहतर है। चीनी यात्रियों के खिलाफ विशेष कदम उठाना सामाजिक संसाधनों की बर्बादी है।
(ललिता)