सामंजस्यपूर्ण संबंधों में अपने अपने रुख पर भी डटा रह सकेंगे चीन व भारत

2022-03-29 16:10:30

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हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की यात्रा की और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ वार्ता भी की। इस रिपोर्ट में हम दोनों की वार्ता की चर्चा करने के बजाय उनकी एक दिलचस्प फोटो की बात करना चाहते हैं।

गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्रालय की वेब पर जारी एक फोटो में वांग यी और एस. जयशंकर ने वार्ता से पहले एक साथ खड़े होकर यह फोटो खिंचवायी। इस फोटो में दोनों ने अभिवादन का इशारा किया। पर दिलचस्प बात यह है कि दोनों का तरीका भिन्न-भिन्न है। वांग यी ने हाथों में हाथ डालकर अभिवादन किया, जो चीन में मिलने और नमस्ते करने का पारंपरिक तरीका है। उधर एस. जयशंकर ने दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार किया, जो भारत की परंपरा भी है। हालांकि दोनों का तरीका भिन्न-भिन्न है, पर दोनों के इशारे में एक दूसरे को सम्मान और मित्रता का संदेश भेजा गया है।

प्राचीन चीन में महान विचारक, राजनेता, शिक्षक और कन्फ्यूशीवाद के संस्थापक कन्फ्यूशियस ने यह कहा था कि दूसरों के साथ आदान-प्रदान में हमें सामंजस्यपूर्ण व मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहिये, लेकिन विशिष्ट मुद्दों पर अपने विचार व रुख हो सकते हैं। लगता है कि न सिर्फ़ लोगों के आदान-प्रदान में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों से निपटने में भी यह एक बहुत अच्छा तरीका है। शायद चीन-भारत संबंधों में भी हमें ऐसे तरीके अपनाने चाहिये।

चंद्रिमा

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