किसानों की स्थिति देखकर लग सकता है लोगों की खुशहाली का अनुमान
भारत सचमुच एक बड़ा कृषि प्रधान देश है। देश की सभी आबादी में 80 प्रतिशत लोग खेती का काम करते हैं। हालांकि भारत के पास एक बड़ा कृषि प्रधान देश होने के अंतर्निहित फायदे हैं, लेकिन वह मुश्किलों का भी सामना कर रहा है। भारत के कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा होती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी एक समस्या बन गयी है। इसके अलावा कृषि से जुड़ी बुनियादी सुविधाएं अपेक्षाकृत कमजोर हैं। अधिकांश किसान अभी तक परंपरागत उत्पादन उपकरण और श्रम विधियों का उपयोग कर रहे हैं। और कुछ स्थानों में बुनियादी सिंचाई की भी कमी है।
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ट्विटर पर जारी एक लेख के मुताबिक नये साल के वित्तीय बजट में भारत सरकार कृषि क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देगी, और कई तरीकों के माध्यम से कृषि के आधुनिकीकरण प्राप्त करने की कोशिश करेगी। इसके लिए किसानों को कृषि के उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा ड्रोन का उपयोग करने को प्रोत्साहित किया जाएगा, किसानों को आधुनिक खेती और बागवानी तकनीक प्रदान की जाएगी, कृषि से जुड़े अनुसंधान व क्षमता को मजबूत किया जाएगा, और कई कदम उठाकर किसानों की आय को बढ़ाया जाएगा।
हालांकि भारत सरकार लगातार कृषि से जुड़ा सुधार करने की बड़ी कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है। तो क्या हम अन्य देशों द्वारा प्राप्त सफल अनुभवों का उल्लेख कर सकते हैं? भारत के पड़ोसी देश चीन में हाल के कई वर्षों में कृषि आधुनिकीकरण तेजी से आगे बढ़ रहा है, प्रमुख कृषि उत्पादों की आपूर्ति पर्याप्त है, और किसानों की आय लगातार बढ़ रही है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। अगर आप उन सफल अनुभवों को जानना चाहते हैं, तो हमें चीन के कृषि से जुड़े कदमों के बारे में बताने की खुशी होगी।
चीन में एक कहावत है कि किसानों को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि लोग खुशहाल जीवन जीते हैं या नहीं। इससे जाहिर हुआ है कि चीन सरकार कृषि, ग्रामीण क्षेत्र और किसानों से जुड़े कार्यों पर बड़ा ध्यान देती है। खास तौर पर चीन के नेता शी चिनफिंग ने हर बार ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण दौरा करते समय इस पर जोर दिया कि कभी भी कृषि की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, किसानों को नहीं भूलना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसलिये चीन सरकार अविचल रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार को गहन कर रही है, गांवों के विकास को तेज कर रही है, और ग्रामीण क्षेत्रों के सामंजस्य व स्थिरता की रक्षा कर रही है।
वर्तमान में चीनी किसानों की सबसे सहज भावना यह है कि आसपास में रहने वाले बहुत गरीब लोग नहीं हैं। जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसे मौजूद हैं। बुवाई, खेती और कटाई मूल रूप से यंत्रीकृत हैं। बिजली, कठोर सड़क और 4जी नेटवर्क मुख्य तौर पर हर गांव में पहुंचते हैं। हर जगह शौचालय मिल सकता है। किसानों के पास चिकित्सा बीमा के अलावा बुजुर्गों को बुनियादी पेंशन बीमा भी है। और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, पर्यटन, ई-कॉमर्स आदि भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।
बताया जाता है कि 7 मार्च को भारत व चीन के बीच सांस्कृतिक दूत, चीन के थांग राजवंश के महान भिक्षु ह्वेन त्सांग के निधन का दिन है। गौरतलब है कि ह्वेन त्सांग ने भारत से असली बौद्ध धर्म सीखकर चीन में इसका खूब प्रचार-प्रसार किया। तो क्या भारत भी महान भिक्षु ह्वेन त्सांग की तरह चीन से लाभदायक ज्ञान सीखेगा?
चंद्रिमा