अमेरिका द्वारा अफगान संपत्ति को मनमाने ढंग से वितरित करने की निंदा की अफगान सरकार ने
11 फरवरी को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर कहा कि अफ़गान केंद्रीय बैंक के फ्रीज़ हुए 7 अरब डॉलर के आधे हिस्से का इस्तेमाल“11 सितंबर”आतंकी हमले के पीड़ितों के मुआवजे के लिए किया जाएगा, बाकी आधे हिस्से का उपयोग अफगान लोगों की राहत के लिए एक ट्रस्ट फंड स्थापित किया जाएगा। स्थानीय समय के अनुसार 14 फरवरी को अफगान अंतरिम सरकार ने बयान जारी कर अमेरिका के इस गैर-जिम्मेदार फैसले की निंदा की। बयान के अनुसार यह फैसला अफगान जनता के अधिकारों और दोहा शांति समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है।
अफगान अंतरिम सरकार ने बताया कि "11 सितंबर" की घटना का अफगान जनता से कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना के बहाने अफगान जनता की संपत्ति पर कब्जा करने का कोई भी कार्य दोहा शांति समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। अफगान अंतरिम सरकार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आरोपों से बचने और अमेरिका व अफगान जनता के बीच संबंध को नुकसान से बचने के लिये अमेरिका को अपने गलत निर्णय को वापस लेना चाहिए। साथ ही अमेरिका को अफगान जनता की संपत्ति को बिना शर्त रिलीज़ करना चाहिए। अगर अमेरिका अपनी स्थिति नहीं बदले और अपने उत्तेजक व्यवहार को जारी रखे, तो अफगान अंतरिम सरकार अमेरिका के प्रति अपनी नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होगी।
रिपोर्ट के अनुसार 11 फरवरी को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर कहा कि अफ़गान केंद्रीय बैंक के फ्रीज़ हुए 7 अरब डॉलर के आधे हिस्से का इस्तेमाल“11 सितंबर”आतंकी हमले के पीड़ितों के मुआवजे के लिए किया जाएगा, बाकी आधे हिस्से का उपयोग अफगान लोगों की राहत के लिए एक ट्रस्ट फंड स्थापित किया जाएगा। अफगान तालिबान और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने कहा कि अमेरिकी सरकार को इन संपत्तियों के निपटान का कोई अधिकार नहीं है। अमेरिका ने एक बेहद अनैतिक फैसला किया। यह जबरन वसूली और लूट का कार्य है। इस कदम से अफगान अर्थव्यवस्था को एक घातक और अपरिवर्तनीय झटका पहुँचेगा।
(हैया)