विश्व में महात्मा गांधी का प्रभाव

2022-01-29 19:22:11

विश्व में महात्मा गांधी का प्रभाव_fororder_111

30 जनवरी 1948 को भारतीय लोगों के लिये एक दुखद दिन था। क्योंकि ठीक इसी दिन मोहनदास करमचन्द गांधी की हत्या कर दी गयी। हालांकि महात्मा गांधी के निधन को 74 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक विश्व में उनका व्यापक प्रभाव है।

विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने महात्मा गांधी का यह मूल्यांकन किया था कि वे दुनिया के सबसे शानदार राजनीतिज्ञों में से एक थे। वे भारतीय राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के महान नेता थे। भारत में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा, जिसे गांधी जी के बारे में पता न हो। उनकी विचारधारा ने भारत का नेतृत्व कर स्वतंत्रता हासिल की।

गांधी जी का प्रभाव न सिर्फ़ भारत में दिखता है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी उन्हें बड़ा सम्मान मिलता है। उदाहरण के लिये 61वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में हर वर्ष के 2 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने का फैसला किया गया। क्योंकि इस दिन गांधी जी की जयंती होती है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार गांधी जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिये जिन्दगी भर कुल मिलाकर तीन बार "अहिंसक असहयोग" आंदोलन किए, 17 बार भूख हड़ताल की। 18 बार उन्हें पकड़कर जेल में डाला गया। और पांच बार उनकी हत्या की कोशिश हुई। लेकिन उनकी इच्छाशक्ति बहुत मजबूत थी।

गांधी जी ने जिन्दगी भर भारत की स्वतंत्रता, मुक्ति और राष्ट्रीय सद्भाव के लिये बड़ा योगदान दिया। उन्होंने गहन रूप से भारत के इतिहास पर बड़ा प्रभाव डाला। आम लोगों के मन में उन्हें एक संत और नायक माना जाता है। वर्ष 1999 में प्रकाशित अमेरिकी पत्रिका “टाइम” द्वारा चुने गये 20वीं सदी के प्रसिद्ध व्यक्तियों में महात्मा गांधी अल्बर्ट आइंस्टीन और फ्रैंकलिन रूज़वेल्ट के बाद तीसरे स्थान पर थे।

दार्शनिक विचार के संदर्भ में गांधी जी शांति की वकालत करते थे। राजनीति के संदर्भ में उन्होंने अहिंसक क्रांति के माध्यम से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन पर गंभीर हमला किया, भारतीय लोगों के आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास में वृद्धि की, और अंत में भारत की स्वतंत्रता हासिल की। अर्थव्यवस्था के संदर्भ में उन्होंने हाथ से बुने हुए वस्त्रों का आह्वान किया, और पश्चिम की भौतिकवादी सभ्यता का विरोध किया। सामाजिक चिंतन के संदर्भ में उन्होंने एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के लिये अपनी पूरी कोशिश की।

यह कहा जा सकता है कि महात्मा गांधी के विचार न सिर्फ़ भारतीय जनता की महान संपत्ति हैं, बल्कि वैश्विक जनता की मूल्यवान आध्यात्मिक संपदा भी हैं।

चंद्रिमा

रेडियो प्रोग्राम