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तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
किंवदंती के अनुसार, तिब्बती ओपेरा के संस्थापक थांगतोंग च्येपू ने 600 साल पहले पुलों के निर्माण के लिए धन जुटाए। तिब्बत के शान्नान शहर के नाईतोंग जिले में स्थित छांगचू कस्बे में जाशी छ्य्वीतंग गांव से गुजरते समय उन्होंने यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा की रचना की। 600 से अधिक सालों में यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा इस भूमि पर लगातार गाया जाता है। साल 2006 में इसे पहली खेप में चीनी राष्ट्रीय गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया।
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
आज, जाशी छ्य्वीतंग को "तिब्बती ओपेरा का पहला गांव" के रूप में जाना जाता है। यहां यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा को विरासत के रूप में लेते हुए विकास करता है। इसके साथ ही स्थानीय गांववासी तिब्बती ओपेरा से संबंधित पर्यटन सेवा करते हैं, उनके द्वारा खोले गए पारिवारिक होटल पर्यटकों का सत्कार करते हैं। अब तिब्बती ओपेरा का यह पहला गांव समृद्धि के एक विशेष रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
किंवदंती के अनुसार, तिब्बती ओपेरा के संस्थापक थांगतोंग च्येपू ने 600 साल पहले पुलों के निर्माण के लिए धन जुटाए। तिब्बत के शान्नान शहर के नाईतोंग जिले में स्थित छांगचू कस्बे में जाशी छ्य्वीतंग गांव से गुजरते समय उन्होंने यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा की रचना की। 600 से अधिक सालों में यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा इस भूमि पर लगातार गाया जाता है। साल 2006 में इसे पहली खेप में चीनी राष्ट्रीय गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया।
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
आज, जाशी छ्य्वीतंग को "तिब्बती ओपेरा का पहला गांव" के रूप में जाना जाता है। यहां यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा को विरासत के रूप में लेते हुए विकास करता है। इसके साथ ही स्थानीय गांववासी तिब्बती ओपेरा से संबंधित पर्यटन सेवा करते हैं, उनके द्वारा खोले गए पारिवारिक होटल पर्यटकों का सत्कार करते हैं। अब तिब्बती ओपेरा का यह पहला गांव समृद्धि के एक विशेष रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
किंवदंती के अनुसार, तिब्बती ओपेरा के संस्थापक थांगतोंग च्येपू ने 600 साल पहले पुलों के निर्माण के लिए धन जुटाए। तिब्बत के शान्नान शहर के नाईतोंग जिले में स्थित छांगचू कस्बे में जाशी छ्य्वीतंग गांव से गुजरते समय उन्होंने यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा की रचना की। 600 से अधिक सालों में यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा इस भूमि पर लगातार गाया जाता है। साल 2006 में इसे पहली खेप में चीनी राष्ट्रीय गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया।
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
आज, जाशी छ्य्वीतंग को "तिब्बती ओपेरा का पहला गांव" के रूप में जाना जाता है। यहां यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा को विरासत के रूप में लेते हुए विकास करता है। इसके साथ ही स्थानीय गांववासी तिब्बती ओपेरा से संबंधित पर्यटन सेवा करते हैं, उनके द्वारा खोले गए पारिवारिक होटल पर्यटकों का सत्कार करते हैं। अब तिब्बती ओपेरा का यह पहला गांव समृद्धि के एक विशेष रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
तिब्बती ओपेरा का पहला गांव
आज, जाशी छ्य्वीतंग को "तिब्बती ओपेरा का पहला गांव" के रूप में जाना जाता है। यहां यालोंग जाशी श्वेपा तिब्बती ओपेरा को विरासत के रूप में लेते हुए विकास करता है। इसके साथ ही स्थानीय गांववासी तिब्बती ओपेरा से संबंधित पर्यटन सेवा करते हैं, उनके द्वारा खोले गए पारिवारिक होटल पर्यटकों का सत्कार करते हैं। अब तिब्बती ओपेरा का यह पहला गांव समृद्धि के एक विशेष रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।