किसानों और चरवाहों को समृद्धि की राह पर ले जाने में मदद करती है उत्कृष्ट पारंपरिक संस्कृति

2022-10-15 09:39:19


वाइछोंग गांववासी लकड़ी की नक्काशी करते हुए

चीन के तिब्बत में अद्वितीय आकर्षण के साथ एक समृद्ध और रंगीन पारंपरिक संस्कृति है। पिछले कई वर्षों में संरक्षण, विरासत और विकास पर आधारित उत्कृष्ट पारंपरिक संस्कृति तिब्बत में ग्रामीण उत्थान और किसानों व चरवाहों को समृद्धि की राह पर ले जाने में मदद करने वाली प्रेरक शक्ति बन गई है।

साल 2008 में, च्यांगची काउंटी के पोलुओ जिले में कुत्से लकड़ी की नक्काशी तकनीक को चीन में पहले बैच की राष्ट्रीय स्तर की गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया था। साल 2019 में, इस जिले के वाइछोंग गांव ने एक जातीय हस्तशिल्प कंपनी की स्थापना की, और इस कंपनी ने ग्रामीणों को लकड़ी की नक्काशी सीखने के लिए आकर्षित किया। लकड़ी की नक्काशी संस्कृति के "जीवित" विकास के माध्यम से ग्रामीणों ने अपने जीवन को समृद्ध किया है।

बताया गया है कि इस कंपनी की स्थापना की शुरूआत में केवल चार नक्काशी कलाकार थे। अब इसमें 112 कलाकार और प्रशिक्षु हैं, ज्यादा से ज्यादा गांववासी इसमें भाग ले रहे हैं। वाइछोंग गांववासी पाईमा च्याछुन ने कहा कि पहले वह खेती करता था और बैल पालता था। अन्य किसी काम के बारे में नहीं सोचा। लेकिन इधर के दो सालों में उसने लकड़ी की नक्काशी करना सीखना शुरु किया, और हर महीने उसे 4 हज़ार युआन की आय प्राप्त होती है। पाईमा च्याछुन ने कहा कि वह अपने हाथों से एक सुखमय जीवन का निर्माण कर रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में वाइछोंग गांव में प्रति गांववासियों की औसतन वार्षिक आय 12,500 युआन तक पहुंच गई। इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक, पूरे गांव में लोगों का संचित लाभांश 78.5 लाख युआन से अधिक रहा।


आउटडोर नाटक "राजकुमारी वनछंग" का प्रदर्शन

उधर, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के छंगक्वांग जिले में स्थित थ्सीच्याओलीन गांव में रहने वाले सुओलांग त्सेरिंग के घर में 150 से अधिक भेड़ें हैं। रोज़ाना शाम 7 बजे से पहले, वह अपने भेड़ों को आउटडोर नाटक "राजकुमारी वनछंग" के मंच के आसपास ले जाता है, ताकि एक हजार साल पहले तत्कालीन तिब्बत यानी थूपो काल के दौरान पशुधन के संपन्न दृश्य को फिर से बनाने में मदद मिल सके। सुओलांग त्सेरिंग ने कहा कि इस प्रकार नाटक में भागीदारी से हर साल उसके घर में 70 हज़ार युआन की अतिरिक्त आय होती है।

इधर के सालों में, बड़े पैमाने पर आउटडोर नाटक "राजकुमारी वनछंग" देखना ल्हासा की यात्रा करने वाले पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय हो गया है। इस नाटक के प्रदर्शन में भाग लेने वाले 800 से अधिक अभिनेताओं-अभिनेत्रियों में स्थानीय किसानों और चरवाहों की हिस्सेदारी लगभग 95 प्रतिशत है। वे दिन में काम करते हैं या खेती करते हैं, और रात में नाटक प्रदर्शन में भाग लेते हैं, इस प्रकार हर व्यक्ति प्रति माह 3 से 4 हज़ार युआन की अतिरिक्त आय प्राप्त करता है।

तिब्बती ओपेरा का आनंद लेते हुए तिब्बती लोग

आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में तिब्बत के सभी निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय 24,950 युआन थी, जिसमें वर्ष 2020 की तुलना में 14.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इसमें ग्रामीण निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 

चूंकि तिब्बत सांस्कृतिक पर्यटन और ग्रामीण उत्थान को जोरदार तरीके से बढ़ावा देता है, यह न केवल बर्फीले पठार की उत्कृष्ट संस्कृतियों की सुंदरता को दर्शाता है, बल्कि किसानों और चरवाहों को बेहतर जीवन की प्राप्ति में भी मदद करता है।

(श्याओ थांग)

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