चीनी और भारतीय युवाओं के बीच आदान-प्रदान गतिविधि

2022-10-14 16:16:52

हाल ही में तिब्बती मिनज़ू विश्वविद्यालय के चीन (तिब्बत) सीमांत व्यापार अनुसंधान संस्थान और भारतीय कलकत्ता विश्वविद्यालय के दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया अनुसंधान संस्थान ने "समझदारी और दोस्ती को बढ़ाएं" शीर्षक ऑनलाइन आदान-प्रदान गतिविधि आयोजित की। तिब्बती मिनज़ू विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय के 20 से अधिक विशेषज्ञों, विद्वानों, शिक्षकों और छात्रों ने ऑनलाइन बातचीत व आदान-प्रदान किया।

21वीं सदी की शुरुआत के बाद से चीन और भारत विश्व आर्थिक विकास को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण ताकत बन गए हैं। इसलिए द्विपक्षीय आदान-प्रदान को मजबूत करने से दोनों देशों के बीच गहरी समझ को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में आपसी आदान-प्रदान और सहयोग को भी बढ़ावा मिल सकता है। वर्तमान गतिविधि का उद्देश्य अकादमिक आदान-प्रदान के माध्यम से आपसी आदान-प्रदान व संपर्क को बढ़ाना व भविष्य में और निकट सहयोग व संबंधित वैज्ञानिक परियोजनाओं पर संयुक्त अनुसंधान करने की नींव रखना है।

गतिविधि के दौरान दक्षिण कलकत्ता विश्वविद्यालय के एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर राजगोपाल धर चक्रवर्ती ने स्कूल की सामान्य स्थिति, स्कूल चलाने की अवधारणा और अपने शोध क्षेत्रों का परिचय दिया। इसके बाद उन्होंने हाल के दशकों में चीन और भारत के आर्थिक विकास का विश्लेषण किया और हाल के वर्षों में चीन में विभिन्न उद्योगों के उच्च गुणवत्ता वाले विकास के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हालांकि भारत मेरा गृह देश है, चीन मेरा दूसरा घर है, और एक एशियाई व्यक्ति के रूप में मुझे चीन की सफलता पर गर्व है।

तिब्बती मिनज़ू विश्वविद्यालय के चीन (तिब्बत) सीमांत व्यापार अनुसंधान संस्थान की प्रोफेसर ल्यू यू ने भारतीय शिक्षकों और छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने उपस्थित विभिन्न पक्षों को तिब्बती मिनज़ू विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य, स्कूल चलाने की अवधारणा से अवगत करा दिया और साथ ही चीन (तिब्बत) सीमांत व्यापार अनुसंधान संस्थान की सामान्य स्थिति का परिचय दिया।

उन्होंने कहा कि कोलकाता व तिब्बत के यडोंग नाथुला दर्रे के बीच केवल 136 किलोमीटर की दूरी है। और दोनों विश्वविद्यालयों को आपसी आदान-प्रदान को मजबूत करना चाहिए।

(मीनू)

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